घर की रसोई को औषधियों का खजाना माना गया है. क्योंकि, यहां कई ऐसी फूड्स चीजें होती हैं जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत का भी ख्याल रखती हैं. टाटरी इनमें से एक है. जी हां, टाटरी एक ऐसा मसाला है, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. यदि आप कोई खट्टी या खट्टी-मीठी रेडिमेड डिश जैसे जैली, कैंडी खा रहे हैं या गोलगप्पे का चटपटा पानी पी रहे हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि उसमें टाटरी मिलाई गई होगी. वेबएमडी की खबर के मुताबिक, टाटरी की प्रकृति एंटीऑक्सीडेंट मानी जाती है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. साथ ही यह भोजन को लंबे समय तक फ्रेश रखने और स्वाद बढ़ाने में भूमिका निभाती है. आइए जानते हैं टाटरी मसाला के कई और फायदों के बारे में-
टाटरी मुख्य रूप से दानेदार या पाउडर दोनों रूप में मिलती है. यह पूरी तरह गंधहीन होती है. यह एक हल्का एसिड है जो प्राकृतिक रूप से नीबू, संतरे, अंगूर और अन्य खट्टे फलों के रस को प्रोसेस्ड कर तैयार किया जाता है. इसका इस्तेमाल सनसनाहट पैदा करने वाले कोल्ड ड्रिंक्स, गोलगप्पे का पानी, कैंडी, जैली आदि में इसका उपयोग होता है. इसके अलावा ढोकला, नमकीन, छैना या पनीर बनाने आदि में भी इसका उपयोग होता है.
रक्त को करती है शुद्ध: आयुर्वेदाचार्य डॉ. सर्वेश कुमार के मुताबिक, टाटरी को आयुर्वेद में भी गुणकारी बताया गया है. यह कफ और वात दोनों दोषों को नियंत्रित करती है. इसकी तासीर गर्म होती है. इसमें कृमिनाशक, क्षुधावर्धक, निर्जलीकरणरोधी, परजीवीरोधी, जीवाणुरोधी गुण तो होते ही हैं, साथ ही यह रक्त को भी शुद्ध करती है.
संक्रमण से करे बचाव: हेल्थलाइन के मुताबिक, टाटरी की प्रकृति एंटीऑक्सीडेंट है. यह शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. यह शरीर में एसिड के स्तर को संतुलित करने में भी सहयोग करती है. इसमें विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में होता है, जो शरीर को संक्रमण से बचाता है.
स्किन प्रॉब्लम से बचाए: यह स्किन के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह मृत कोशिकाओं को हटाने और नई कोशिकाओं के उत्पादन में तेजी लाने में मदद करती है. माना जाता है कि अगर शरीर में मिनरल्स की मात्रा बढ़ जाए तो यह उसे संतुलित कर देती है. साथ ही टाटरी को पानी में डालकर उससे गरारे किए जाएं तो यह गले को दुरुस्त कर देती है.