शिक्षिका को चाइल्ड केयर लीव न देने के मामले में हाईकोर्ट ने डीआईओ एस आगरा दिनेश कुमार के खिलाफ वारंट जारी किया था, इसके आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. आगरा की शिक्षिका वंदना त्रिपाठी ने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन किया था, जिसे आगरा के डीआईओएस दिनेश कुमार ने स्वीकृत नहीं किया था, जिसके बाद शिक्षिका ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में शिकायत की थी. जिसकी सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीआईओएस दिनेश कुमार के खिलाफ वारंट जारी कर दिया, लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया गया जिस पर शिक्षिका की ओर से हाईकोर्ट में दोबारा से अवमानना याचिका दायर की गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में डीआईओएस आगरा दिनेश कुमार को राहत दे दी और उनके खिलाफ अवमानना याचिका खारिज कर दी. जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने याची शिक्षिका वंदना त्रिपाठी की अवमानना याचिका को निस्तारित कर दिया.
क्या था पूरा मामला
बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक आगरा दिनेश कुमार के हाजिर न होने पर वारंट जारी किया था, जिस पर उनके अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर निरीक्षक की गंभीर बीमारी के कारण हाज़िर न होने की माफी मांगी और कहा कि आदेश का अनुपालन कर दिया गया है. उन्होंने अदालत को बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक लीवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित है और अस्पताल में भर्ती हैं, जहां पर उनका इलाज चल रहा है इसलिए अदालत में नहीं हाजिर हो सकते. अधिवक्ता ने बताया कि अस्पताल में ही उन्होंने कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत कर दी है. अदालत ने आदेश का अनुपालन होने पर याची अधिवक्ता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को जारी वारंट वापस ले लिया.
इन्होंने भी मांगी माफी
वहीं जी आई सी शाहगंज आगरा के प्रधानाचार्य और प्रभारी डीआईओएस मानवेन्द्र सिंह ने भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो कर आदेश का पालन करने की जानकारी देते हुए देरी के लिए बिना शर्त माफी को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और याचिका को खारिज कर दिया।