Chhatri Darwaza’s right gate demolished in 17th century due to lack of protection | संरक्षण के अभाव में 17 वीं सदी में बना छत्तर दरवाजा का दाहिना गेट ध्वस्त

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दाउदनगर2 घंटे पहले

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दाउदनगर में बने 17 वीं सदी का ऐतिहासिक व पुरातात्विक अवशेष छत्तर दरवाजा का दाहिना गेट आखिरकार ध्वस्त हो गया। बीती रात दाहिना गेट ध्वस्त होकर पूरी तरह से गिर गया। गिरने के बाद कुछ लोग ईंट उठाकर भी ले जाने लगे, जिसकी जानकारी मिलने के बाद नगर पर्षद ने अवशेष को जेसीबी से उठवाकर ट्रैक्टर के माध्यम से फिलहाल नप कार्यालय परिसर में मंगवा लिया है, जिसे दाउद खां के किला परिसर में भिजवाया जा रहा है।

पचकठवा रोड जर्जर होने एवं सिपहां पुल के जर्जर होने के बाद बड़े व ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन दाउदनगर बाजार होते हुए होने लगा व छत्तर दरवाजा गेट से ही वाहनें बाजार में प्रवेश कर रही थी। कुछ दिन पहले किसी अज्ञात ट्रक के धक्के से छत्तर दरवाजा दरवाजा का दाहिना गेट जर्जर अवस्था में पहुंच गया था, जिसके कभी भी ध्वस्त होने की आशंका जतायी जा रही थी और आखिरकार यह आशंका सही साबित हुई। ऐसा माना जा रहा है कि बीती रात संभवत: किसी अज्ञात ट्रक के धक्के से ध्वस्त होकर पूरी तरह से गिर गया और इसका अस्तित्व मिट गया।

यह दरवाजा लगभग 360 वर्ष से पुराना है। यह फाटक दाऊद खां द्वारा 17 वीं सदी में बनाया गया था। तब सुरक्षा के ख्याल से छह फाटक बनाए गए थे जिसमें अभी यही बचा हुआ है बाकी सभी नष्ट हो गए। इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी जमाल अंसारी ने बताया कि 28 अक्टूबर को डीएम को पत्र लिखकर इसके क्षतिग्रस्त के सूचना दी थी । अब तक वहां से कोई जवाब नहीं मिला है। सुबह पता चला कि फाटक का दाहिना भाग गिर पड़ा है। जिसके बाद नगर परिषद के जेसीबी और ट्रैक्टर के मदद से बचे अवशेष को नगर परिषद में एकत्रित कर लिया है।

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