Chanting of Gayatri Mantra in Kartik month makes the mind calm, meditation reduces mental tension, significance of kartika month, kartika maas | कार्तिक मास में गायत्री मंत्र के जाप से मन होता है शांत, ध्यान करने से दूर होता है मानसिक तनाव

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7 दिन पहले

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  • कार्तिक मास से मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है, इन दिनों में अच्छी सेहत के लिए रखें खान-पान का विशेष ध्यान

रविवार, 1 नवंबर से कार्तिक मास शुरू हो रहा है। वर्षा ऋतु के बाद इस माह से ठंड बढ़ने लगती है। ठंड के दिनों में सेहत को अच्छा बनाए रखने के लिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाने में ऐसी चीजें शामिल करें, जिनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। खाने की गर्म चीजों का सेवन करें। इस माह जाप और ध्यान करने का भी महत्व है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार कार्तिक माह में सुबह जल्दी उठकर ध्यान करने से मन शांत रहता है और मानसिक तनाव दूर होता है। ये माह मंत्र जाप, ध्यान और खान-पान की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जाप के लिए गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस मंत्र से स्वास्थ्य के साथ ही धर्म लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं।

गायत्री मंत्र

ऊँ भूर्भुव: स्व: ततसावितुरवर्ण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रच्छोदयेत्।

अर्थ – सृष्टि की रचना करने वाले, प्रकाशमान परमात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का यह तेज हमारी बुद्धि को सही मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

मंत्र जाप करते समय में इन बातों का ध्यान रखें

मंत्र जाप किसी शांत और साफ स्थान पर करें। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में गायत्री माता की मूर्ति या चित्र के सामने कुश के आसन पर बैठें। माता का पूजन करें और गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग कर सकते हैं। इस मंत्र के जाप के लिए तीन समय बताए गए हैं। इन तीन समय को संध्याकाल कहा जाता है।

मंत्र का जाप का पहला समय है सुबह का। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरू करना चाहिए और सूर्योदय के बाद तक जाप करना चाहिए।

दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले का। सूर्यास्त से पहले मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप कर सकते हैं।

इन तीन समय के अतिरिक्त अगर जाप करना हो तो मौन रहकर, मानसिक रूप से करना चाहिए। मंत्र जाप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

इस मंत्र के जाप से सकारात्मकता बढ़ती है। नकारात्मक विचार दूर होते हैं और तनाव खत्म होता है। मन शांत रहता है, जिससे कोई भी काम पूरी एकाग्रता के साथ कर पाते हैं।

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