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चंडीगढ़8 घंटे पहले
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फाइल फोटो
दशहरे के बाद अब दिवाली के त्योहार पर भी कोरोना का संकट नजर आने लगा है। इस साल पटाखे बेचने और चलाने को लेकर अभी तक प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी है। हालांकि पटाखों की बिक्री के लिए मिलने वाले लाइसेंस के लिए प्रशासन ने ड्रॉ निकाल दिए हैं।
ड्रॉ के जरिए 96 लोगों के नाम आए हैं, जिन्हें पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाना है। लेकिन ये लाइसेंस तभी मिलेगा, जब प्रशासन पटाखों की बिक्री को हरी झंडी देगा। चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट देविंदर गुप्ता ने कहा कि जितने बड़े व्यापारी हैं, वे पटाखों के ऑर्डर दे चुके हैं और पैसे भी दे चुके हैं।
कारोबारी बोले-पहले ही लॉकडाउन ने कमर तोड़ रखी है…
बड़े स्तर पर पराली जलाना प्रदूषण का मुख्य कारण… चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी चिराग अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन व राज्य सरकारों को हर साल दिवाली के दिनों में ही प्रदूषण की चिंता क्यों होती है। पंजाब में बड़े स्तर पर पराली जलाई जाती है, जोकि प्रदूषण की बड़ी वजह है।
इसे राज्य सरकार काबू नहीं कर पा रही है। अग्रवाल ने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद देशभर में खुशी का माहौल है, लेकिन जिस तरह दशहरे का त्योहार नहीं मनाया गया और अब दिवाली भी जोर-शोर से नहीं होगी तो लोग भी मायूस होंगे।
4 लाख का नया ऑर्डर दे दिया… योगेश कुमार जैकी ने बताया कि उनके पास भी पिछले साल का डेढ़-दो लाख का सामान पड़ा है। अब इस साल के लिए भी 4 लाख रुपए के सामान का ऑर्डर दे चुके हैं। अगर परमिशन नहीं तो उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हो जाएगा।
दिवाली पर आस लगाकर बैठे हैं हम… पटाखों के व्यापारी दीपक महाजन के पास पिछले साल का ही एक लाख का माल बचा पड़ा है। महाजन ने कहा कि हम दिवाली पर आस लगाकर बैठे हैं, ताकि लॉकडाउन में जो हमें आर्थिक नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो सके। लेकिन प्रशासन ने हमारी चिंता बढ़ा दी है। हम तो एक साल पहले ही पटाखों के लिए होल सेलर्स को 50 हजार रुपए एडवांस जमा करवा चुके हैं।
बबला बोले-पटाखे बैन हों, आलोचना हुई तो पार्टी को बोलना पड़ा-बिकने ही चाहिए
चंडीगढ़. पटाखों के मुद्दे पर कांग्रेस दो-फाड़ हो गई है। मंगलवार को कांग्रेस पार्षद देविंदर सिंह बबला ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने प्रशासक से अपील कर दी कि पटाखों पर पूरी तरह बैन लगना चाहिए। पटाखों के व्यापारियों ने बबला के बयान की आलोचना की। बात बढ़ी तो कांग्रेस को शाम को बयान जारी करना पड़ा। पार्टी की तरफ से कहा गया कि वे पटाखों के व्यापारियों के समर्थन में हैं।
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी संदीप भारद्वाज ने कहा कि व्यापारी पहले ही आर्थिक मंदी झेल रहे हैं। अगर पटाखों की बिक्री की मंजूरी नहीं दी तो उन्हें लाखों का नुकसान झेलना पड़ेगा। कांग्रेस के पूर्व मेयर हरफूलचंद्र कल्याण व पार्षद सतीश कैंथ ने भी कहा कि चंडीगढ़ में पटाखों की बिक्री होनी चाहिए।
पटाखों को लेकर पार्टी का अपना मत हो सकता है, लेकिन यह मेरी निजी राय है कि चंडीगढ़ में पटाखे बैन होने चाहिए। कोरोना को देखते हुए पटाखों पर रोक जरूरी है। पटाखों की वजह से जो धुआं फैलेगा, वह सेहत के लिए नुकसानदायी होगा। लोगों की सेहत ज्यादा जरूरी है, इसलिए पटाखों की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
देविंदर सिंह बबला
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