BJP told Municipal Corporation on the policy of Diwali, Sangharsh Samiti, Weight and Watch | भाजपा ने नगर निगम को बताया दिवाली का तोहफा, संघर्ष समिति वेट एंड वॉच की नीति पर

0

[ad_1]

सोलन12 दिन पहले

  • कॉपी लिंक
app1603889609441603889508973img2020102812485500 1603915538

नगर निगम को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते भाजपा के पदाधिकारी।

  • सोलन नगर निगम बनाने के बाद भाजपा की ओर से संभावित उम्मीदवार भी आने लगे सामने

सोलन नगर परिषद को अपग्रेड कर नगर निगम बनाने के सरकार के फैसले को भाजपा ने दिवाली का तोहफा बताया है और इसके साथ ही अभी से वार्डों में पार्टी की ओर से चुनावी दंगल में उतरने वाले उम्मीदवार भी सामने आने लगे हैं।

जबकि दूसरी ओर पंचायतों के नगर निगम में विलय का विरोध कर रही ग्रामीण संघर्ष समिति अभी वेट एंड वॉच की नीति पर चल रही है। समिति इसकी नोटिफिकेशन का इंतजार कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. राजेश कश्यप ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने सोलन को दिवाली से पूर्व नगर निगम का बड़ा तोहफा दिया है।

इससे सोलन शहर के विकास में और तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस निर्णंय को बार-बार टाला। उन्हीं के पार्टी के कुछ नेताओं ने संघर्ष समिति बनाकर नगर निगम की मांग कई बार सरकार के सामने रखी, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी ने सोलन को नगर निगम बनाने की मांग उठाई थी।

तो उस समय केंद्र और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और नगर परिषद में भी अध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस के पास थी। उन्होंने कहा कि नगर निगम बनने के बाद शहर के लोगों को जो समस्याएं मौजूदा समय में पेश आ रही है। उससे उन्हें छुटकारा मिलेगा। सीवरेज सिस्टम में सुधार होगा, पार्किंग की समस्या सहित खेल के मैदान व अन्य कई प्रकार मूलभूत सुविधाएं मिलेगी।

डाॅ. कश्यप ने क हा कि जब मुख्यमंत्री के साथ मंडल मिलन हुआ था तो उस समय भी नगर निगम की मांग को सर्वोपरी रखा गया था। इसके अलावा पवन गुप्ता की अध्यक्षता में नगर निगम समिति ने भी इसके लिए प्रयास किए। ऐसे में यहां सुविधाओं को बढ़ाना भी लाजमी था। उन्होंने कहा कि नगर निगम में कृषि योग्य भूमि को नहीं लिया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि टैक्स नगर निगम का हाउस तय करेगा इसलिए इसमें घबराने की बात नहीं है कि बहुत ज्यादा टैक्स में फर्क आने वाला है।

अब यह क्षेत्र मिलेंगे नगर निगम में :

लोगों के विरोध को देखते हुए सरकार ने अब पंचायतों के अधिकतर क्षेत्रों को दायरे से बाहर कर दिया है। अब सपरून पंचायत के रबौन, आंजी पंचायत को आंजी, सलोगड़ा ददोग, सेरी का बजरोल, पड़ग पंचायत का बेर की सेर गांव, बसाल पंचायत का कथेड़ और बावरा के अलावा हैलीपेड तक सड़क के दोनों ओर के 40 मीटर दायरे को नगर निगम में मिलाया जाएगा। कोठो और शामती के दो-दो वार्ड नगर निगम में मिलाए जाएंगे।

ग्रामीण संघर्ष समिति अभी चुप :

नगर निगम बनाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में क्रेडिट लेने का दौर चलेगा। जबकि अभी ग्रामीण संघर्ष समिति चुप है। समिति पंचायतों को नगर निगम में मिलाने के खिलाफ बनी थी, लेकिन अब सरकार ने बीच का रास्ता देखते हुए पंचायतों के सेमी अर्बन एरिया को ही नगर निगम में मिलाने का फैसला किया है।

ऐसे में समिति ने अभी यह तय नहीं किया है कि आखिर अब करना क्या है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुर्सियां कम होने के कारण कई नेताओं को बाहर ही रहना पड़ा। भाजपा के दो नेताओं में बैठने को लेकर कहासुनी हो गई तो एक नेता बाहर चले गए। यह वाकया बाद में भी चर्चा का विषय बना रहा।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here