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पटनाएक घंटा पहलेलेखक: शालिनी सिंह
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भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल राम मंदिर आंदोलन के समय से राजनीति से सक्रिय रहे हैं।
- बिहार में संभावित डिप्टी सीएम के तौर पर चौपाल के नाम की चर्चा तेज
- दैनिक भास्कर से सीधी बातचीत में ऐसी संभावना से किया इन्कार
एक विशेष विमान से आज पटना में उतरे ‘संभावित डिप्टी सीएम’ ने एनडीए खेमे में परेशानी खड़ी कर दी थी। बात कामेश्वर चौपाल की हो रही है, जो सुबह ही पटना पहुंचे थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही समर्थकों ने ‘डिप्टी सीएम कैसा हो, कामेश्वर चौपाल जैसा हो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इन नारों ने बिहार की राजनीति में सरगर्मी इतनी तेज कर दी कि उनके पटना स्थित आवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा लग गया। समर्थकों के नारे मीडिया में खबर बन गए। खबरों में कामेश्वर चौपाल बिहार के नये डिप्टी सीएम बन गए। सवाल उठने लगा कि क्या सचमुच ऐसा होने जा रहा है? क्या सुशील मोदी का पत्ता साफ हो गया? अगर हो रहा, तो क्या सीएम नीतीश कुमार इसपर राजी हो गए हैं? अब दैनिक भास्कर आपको इन सारे सवालों का जवाब दे रहा है।
कौन हैं कामेश्वर चौपाल
राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट में बिहार से भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल को शामिल किया गया था। कामेश्वर चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी। विश्व हिंदू परिषद में बिहार के सह संगठन मंत्री रहे कामेश्वर चौपाल साल 1991 में रोसड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं पाए। इसके बाद 1995 में बेगूसराय के बखरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन यहां भी हार का सामना करना पड़ा। 2002 से 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। फिर एक बार 2014 में उन्होंने सुपौल से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन फिर जीत नहीं मिली।
डिप्टी सीएम बनने के सवाल पर क्या बोले चौपाल
डिप्टी सीएम बनने की चर्चाओं पर भास्कर ने सीधे कामेश्वर चौपाल से बात की। उन्होंने कहा – खुद नहीं पता, ये चर्चाएं कैसे चल रही हैं। सबसे पहले तो उन्होंने आलाकमान के कहने पर विशेष विमान से पटना आने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। कहा – वो किसी विशेष विमान से नहीं, बल्कि सामान्य सेवा विमान से पटना पहुंचे हैं। ये तो माना कि बीते 3 दिनों से वे दिल्ली में ही थे, लेकिन इसकी वजह थी, नांगलोई में हो रही संतो की सभा में हिस्सा लेना। दिल्ली में वो सुधांशु जी महाराज के आश्रम में रह रहे थे। इस बीच एक दिन पीएम नरेन्द्र मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई, लेकिन न तो पीएम, ना ही संगठन ने उन्हें पटना जाने या कोई पद दिये जाने की बात कही है।
कामेश्वर चौपाल को लेकर क्या है संभावनाएं
कामेश्वर चौपाल का कद बिहार के डिप्टी सीएम बनने का तो है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि वे फिलहाल न तो विधानसभा, ना ही विधानपरिषद के सदस्य हैं। इसका एक रास्ता यह है कि उन्हें राज्यपाल कोटे की सीटों से विधानपरिषद का सदस्य बना दिया जाए, लेकिन तब वर्तमान डिप्टी सीएम सुशील मोदी का क्या होगा? नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री होने के साथ ही सुशील मोदी का डिप्टी सीएम होना भी लगभग तय है। इसलिए सुशील मोदी को हटाकर कामेश्वर चौपाल को डिप्टी सीएम बनाये जाने की संभावना न के बराबर है।
क्या हो सकता है?
ये हो सकता है कि भाजपा यूपी की तर्ज पर बिहार में भी दो डिप्टी सीएम रखे। इसके पीछे एक रणनीति यह हो सकती है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत से बिहार में खाली हुई दलित नेता की जगह भरी जाए। ऐसे में भाजपा कामेश्वर चौपाल को डिप्टी सीएम बनाकर दलितों को जोड़े रखने की कोशिश कर सकती है।
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