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- डेंटल कॉलेज में ड्रग एडिक्ट्स के उपचार से पहले, परामर्श केंद्र को दिया जाएगा, सेशन सेंटर में, हम ड्रग की लत के तरीके बताएंगे
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शिमला18 दिन पहले
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सेंटर में की जाती है मरीजों की काउंसिंलिंग।
- सीसेशन सेंटर में हर समय मौजूद रहते हैं विशेषज्ञ, जो नशे में फंसे लोगों का करते हैं मार्गदर्शन
नशा करने वालाें काे डेंटल कॉलेज शिमला में अब इलाज से पहले नशा छाेड़ने के लिए जरूरी टिप्स लिए जाएंगे। इसके लिए पर्ची बनाने के बाद नशा करने वालाें काे कॉलेज स्थित सीसेशन सेंटर में भेजा जाएगा। इस सेंटर उन्हें नशे से हाेने वाले दुष्प्रभाव के बारे में लगाई गई सामग्री दिखाई जाएगी। इसके अलावा उनकी काउंसिलिंग भी डाॅक्टराें द्वारा की जाएगी और उन्हें नशा छाेड़ने के लिए जरूरी तरीके बताए जाएंगे।
फिर मरीज काे इलाज के लिए ओपीडी में भेजा जाएगा। इस सीसेशन सेंटर में नशे काे लेकर कई तरह की सामग्री रखी गई है। वहीं, यहां पर हर समय विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात रहते हैं, जाे नशा करने वालाें काे उचित सलाह देकर उन्हें नशा छाेड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। यह सेंटर करीब डेढ़ साल पहले शुरू किया गया था, मगर अब इसे काफी एडवांस कर दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लाेगाें काे नशा छाेड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।
अब तक 310 लाेगाें की कर चुके काउंसिलिंग:
इस सीसेशन सेंटर में अब तक 310 लाेगाें काे नशा छाेड़ने के लिए प्रेरित किया जा चुका है। इसमें अधिकांश लाेग नशा छाेड़ चुके हैं। डाॅक्टराें ने उन्हें नशे के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। डाॅक्टराें के अनुसार तंबाकू का सेवन करने से फेफड़ाें व मुंह का कैंसर हाेने की संभावना हाेती है। तंबाकू दाे तरह का हाेता है जिसमें सिगरेट और बीड़ी आती है। वहीं दूसरा चबाने वाला जैसे पान, गुटका आदि। इन दाेनाें का प्रयाेग ही ओरल कैंसर और लंग्स कैंसर का कारण बनता है।
ऐसे छुड़ाते हैं नशाः
तंबाकू सीसेशन सेंटर के बारे में पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभागाध्यक्ष प्राे. विनय भारद्वाज ने बताया कि जब भी काेई व्यक्ति ओरल मेडिसन एंड रेडियाेलाॅजी विभाग में आता है और अपने नशे के सेवन के बारे में जानकारी देता है ताे उसे सीसेशन सेंटर में भेजा जाता है।
सेंटर में उसे विभागीय विशेषज्ञ चिकित्सक डाॅ. शैली फाेतेदार, डाॅ. अरुण, डाॅ. शैलजा एवं प्रशिक्षु चिकित्सक नशे के दुष्प्रभाव से जुड़ी फाेटाे और लिखित सामग्री दिखाकर इसके प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें इसे छाेड़ने के प्रति जागरूक किया जाता है। तंबाकू से न केवल व्यक्ति बल्कि पूरे परिवार पर असर हाेता है। ऐसे में इसे छाेड़ना ही बेहतर है।
डेंटल कालेज में नशा करने वाला व्यक्ति जब इलाज के लिए आता है और ओरल मेडिसन एंड रेडियाेलाॅजी विभाग में अपने नशे के सेवन के बारे में बताता है ताे उसे सीसेशन सेंटर में भेजा जाता है। यहां पर उसे नशा छाेड़ने के लिए डाॅक्टर प्रेरित करते हैं। नशे के दुष्प्रभाव की भी जानकारी दी जाती है।
अब तक विभाग में करीब 310 लाेगाें काेनशा छाेड़ने के लिए प्रेरित किया जा चुका है। इसमें कई लाेग नशा छाेड़ भी चुके हैं। यदि काेई आम व्यक्ति भी नशा छाेड़ने की साेच रहा है ताे वह इस सीसेशन सेंटर में आकर नशा छाेड़ने के जरूरी टिप्स ले सकता है। डाॅ. आशु गुप्ता, प्रधानाचार्य डेंटर कॉलेज शिमला
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