TNT News: मौसम बदल रहा है इस मौसम में यदि आप ने ज़रा सी लापरवाही की तो आप की सेहत के लिए यह भारी पड़ सकता है। बदलते मौसम में लोग बीमार अधिक होते हैं। इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं है बस बात इतनी भर है कि हम अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। अक्सर देखा यही जाता है कि जब सर्दी की शुरूआत होती है या फिर वह अपने समापन की ओर होती है तो सर्दी,खांसी और बुखार के मामले अधिक देखे जाते हैं। तो आइए जानते है इसके पीछे के प्रमुख कारण को और कैसे इस मौसम में हम अपना ध्यान रख सकते हैं और सेहत को खराब होने से बचा सकते हैं।
बदलता मौसम क्यों हानिकारक:
मनुष्य के शरीर को मौसम के हिसाब से ढलने में थोड़ा वक्त लगता है और जब तक आप का शरीर मौसम का मुकाबला करने के लिए तैयार होता है इस बीच आप ने यदि लापरवाही की तो आप बीमार हो जाते हैं। दरअसल इस धरती पर जितने भी जीव है उनकी शारीरिक संरचना उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यदि बात मनुष्य की करें तो मनुष्य ने जैसे जैसे विज्ञान की दिशा में उन्नति की वैसे वैसे वह प्रकृति से दूर होता चला गया। यही कारण है कि वह जल्दी से प्रकृति के साथ सामजस्य नहीं बिठा पाता जिसके चलते वह बीमारियों की जद में आज जाता है।
भोजन में बदलाव:
आधुनिकता की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी को जब से मनुष्य से अपनाया है उसके खान पान में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आज के दौर में देखे तो फास्ट फूड का चलन बढ़ा है और यह तो विज्ञान भी मनता है कि इस प्रकार के भोजन में वह जरूरी पोषक तत्व नहीं होते जो कि हमारे शरीर को सही मायने में पोषण प्रदान करने के लिए जरूरी माने जाते हैं। अब यदि आप का भोजन सेहत भरा नहीं होगा तो उसका प्रभाव आप के शरीर पर जरूर देखने को मिलता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती हैं और आप जैसे से प्रतिकूल वातावरण में जाते हैं तो आप की सेहत पर उसका विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है।
विलासिता पूर्ण जीवन:
आज के युग को वैज्ञानिक युग कहा जाता है। मनुष्य ने विज्ञान की दृष्टि से खूब उन्नति की है ऐसे में उस पूरी तरह से विलासिता पूर्ण वस्तुओं का गुलाम हो गया है। हमने अपने शरीर को कष्ट देना बंद कर दिया हैं। जितना आराम आप अपने शरीर को देते हो वह उतना ही कमजोर होता चला जाता है। इस लिए यह कहा जा सकता है कि हमारी सेहत के गणित को विलासिता पूर्ण जीवन शैली ने खराब करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
बच्चों और बुर्जुर्गो का रखें ख्याल:
बदलते मौसम में बच्चों और बुर्जुगों का विशेष देने की जरूरत होती है। बच्चों का शरीर विकसित हो रहा होता है जबकि बुर्जुगों की ढलती हुई अवस्था होती है। यह वह अवस्था होती है जब शरीर कमजोर होता है किसी पुष्प की तरह जरा सा तेज हवा का झोंका आता है तो पुष्प की पत्तियां बिखर जातीं हैं। उसी प्रकार से बुजुर्ग भी बदलते मौसम को नहीं झेल पाते हैं और जल्द ही बीमार हो जाते हैं।
पौष्टिक आहार लें:
अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हे कि आप के भोजन में सभी प्रकार के पोषक तत्वों की मात्रा हो। जिसमें फल, सब्जियां और दालें प्रमुख रूप से शामिल की जा सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ आप अपने भोजन में सूखे मेवे भी शामिल कर सकते है। यह प्रोटीन और फाईबर का अच्छा स्रोत होते है। इस प्रकार यदि आप का शरीर आंतरिक रूप से मजबूत होगा तो बीमारियां भी आप से दूर रहेंगी।
प्रतिदिन करें व्यायाम:
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आप को अपने दैनिक जीवन में व्यायाम को शामिल करना चाहिए। यदि आप प्रतिदिन व्यायाम करते हैं तो शरीर से पसीन निकलता है और इस पसीने से शरीर से अपशिष्ट पदार्थ भी बाहर निकलते हैं इस प्रकार आप का शरीर न केवल स्वस्थ और सुडोल बनता है बल्की आप बहुत सी बीमारियों से भी बचे रहते हैं। इस लिए सभी को व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा अवश्य बनाना चाहिए। यदि आप किसी व्यायामशाला में नहीं जा सकते हैं तो आप अपने नजदीक के पार्क में तेज गति से चल सकते हैं या फिर दौड़ लगा सकते है। इसके साथ ही आप साईकलिंग भी कर सकते हैं यह भी बेहतर व्यायाम होता हैं। कहते का अर्थ मात्र इतना है कि आप किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते है।
न बनें घर पर डाक्टर:
अक्सर देखा यह जाता है कि यदि घर पर कोई बीमार हुआ तो किसी चिक्तिसक से संपर्क करने के स्थान पर घर पर ही डाक्टर बन जाते हैं। इस प्रकार की आदत कभी कभी सेहत पर भारी भी पड़ जाती है। यदि बदलते मोसम के कारण आप की तबियत खराब हो गई है और ठीक नहीं हो रही है तो तुरंत किसी योग्य चिक्त्सिक को दिखाना ठीक होता है इससे पहले की देर हो जाए और बीमारी बिकराल रूप ले डाक्टर से संपर्क करना उचित रहता है।
इस लेख के माध्यम से आप को बस इतना ही बताने का प्रयास किया गया कि आप अपने सेहत के दुश्मन न बनें। शरीर आप का है और इसमे होने वाले परिवर्तनों को आप से बेहतर कोई और नहीं समझ सकता हैं। इस लिए जब भी आप को ऐसा लगे कि कुछ ठीक नही लग रहा है तो इसके प्रमुख कारणों को जानने का प्रयास करें और बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक कदम बढ़ाऐ। इसे साथ ही बदलते मौसम में अपने शरीर के प्रति किसी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल न करें। स्वास्थ्य रहें, आबाद रहें और खुशहाल रहें। अपना ख्याल रखे ओर अपनो का ख्याल रखें। बस इतना याद रखे कि जीवन अनमोल है। यह बार बार नहीं मिलता बस एक बार ही मिलता है तो क्यों न इसे शनदार तरीके से जिया जाए।