साबुन तेल और फैट को अल्कलाइन में मिलाकर बनाया जाता है जो नहाना स्किन में चिपक चुकी गंदगी और बदबूदार पसीना को निकाल देता है. इसलिए अधिकांश लोग अपनी रोजाना की आदतों में साबुन को शामिल करते हैं. फिर आप सोचेंगे कि साबुन जब इतना अच्छा है तो इसके नुकसान की क्या बात है. लेकिन इंटरनेशनल एक्सपर्ट की मानें तो साबुन को रोजाना लगाने का कोई खास फायदा नहीं होता है, उल्टा कुछ नुकसान हो सकता है. अगर उसमें पीएच लेवल संतुलित नहीं है तो इससे स्किन को भारी नुकसान हो सकता है. दूसरी ओर अगर साबुन सही भी है तो इसे रोज लगाना नहीं चाहिए क्योंकि स्किन में कई तरह की अन्य समस्याएं हो सकती है. हालांकि विज्ञान तो यह भी कहता है कि रोज नहाने से भी कोई फायदा नहीं है. यह सिर्फ समाज की बनी-बनाई एक धारणा है. तो क्या रोज साबुन नहीं लगाना चाहिए.
स्किन की रक्षा में तैनात बैक्टीरिया का खात्मा
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में आलबॉर्ग यूनिवर्सिटी, डेनमार्क के पर्यावरण प्रोफेसर क्रिस्टीन ग्राम हेंसेन बताते हैं कि स्किन हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है. ये कई लेयर में बनी होती हैं. इसकी सबसे बाहरी लेयर में लाखों की तरह के बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म रहते हैं. ये सब मिलकर स्किन में एक सुरक्षा की दीवार बना लेते हैं. जब हानिकारक बैक्टीरिया या खतरनाक सूक्ष्म जीवों का स्किन पर हमला होता है तब ये सब सिपाही की तरह तैनात हो जाते हैं और उन्हें खदेड़ देते हैं. लेकिन जब आप बहुत ज्याजा केमिकल युक्त झाग वाली चीजें या साबुन को इसमें लगाएंगे तो धीरे-धीरे ये सुरक्षात्मक परत निकलने लगेगी और फिर बीमारियों से स्किन का बचाव होना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए झाग वाली चीजों को बहुत अधिक स्किन में नहीं लगाना चाहिए.
फिर क्या करना चाहिए
प्रोफेसर क्रिस्टीन ग्राम हेंसेन तो यहां तक बताते हैं कि यदि आपकी स्किन ड्राई है या एक्जिमा जैसे स्किन इंफेक्शन की शिकार हैं तो रोज नहाने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि इससे स्किन की रक्षा करने वाले सूक्ष्म जीव मर जाएंगे और स्किन ड्राई होने लगेगी. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डॉ. रोबर्ट एच शिमर्लिंग कहते हैं कि आमतौर पर स्किन से निकलने वाला तेल, उसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म स्किन को मैंटेन रखते हैं. अगर हम रोजाना साबुन से नहाएंगे तो इससे स्किन से ये सारे चीज निकल जाएंगे और इसका खामियाजा भुगतना होगा.
इससे स्किन ड्राई हो सकती है और स्किन में खुजली भी बढ़ सकती है. स्किन के ड्राई होने से इसमें हानिकारक बैक्टीरिया के पहुंचने का मौका मिल जाता है और यह स्किन और स्किन के बीच सुरक्षात्मक परत को तोड़ देता जिससे कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. न्यूयॉर्क टाइम्स में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. जोसी पार्क बताती हैं कि आप कितने दिन पर नहाएं ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर से कितना पसीना निकलता है और आपकी स्किन में कितनी धूल चिपकती है. अगर आपको ज्यादा पसीना आता है या धूल वाली जगहों के ज्यादा संपर्क में है तो इस हिसाब से शरीर से इन गंदगियों और पसीना को निकालना जरूरी है. इसके लिए नहाना भी जरूरी है.