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रोहतक21 घंटे पहले
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दीपावली के मौके पर इस बार सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बजाए जा सकेंगे। इन पटाखों को बजाने के लिए भी समय निर्धारित कर दिया गया है। दीपावली के दिन सिर्फ शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखों को चलाया जा सकेगा। खास बात यह है कि इस बार लड़ियों वाले पटाखे यानि एक बार जलाने पर कतार में देर तक बजने वाले पटाखों की बिक्री और उपयोग पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
इसकी निगरानी के लिए संबंधित एसएचओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह पटाखे निर्धारित समय एवं क्षेत्र में ही चलाए जाए। इसके अलावा जिले में इस बार फ्लिपकार्ट, अमेजन सहित अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिए पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और खरीद को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
प्रशासन के आदेशाें में कहा गया है कि ऑनलाइन पटाखों की बिक्री व खरीद एक अपराध होगा और अदालत की अवमानना होगी। आतिशबाजी में बैरियम लवणों के प्रयोग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। निर्धारित डेसीबल के स्तर से अधिक के पटाखे की बिक्री एवं उपयोग की अनुमति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस संदर्भ में जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
ये आएंगे साइलेंस जोन में
साइलेंस जोन में पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अन्तर्गत अर्थात अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक और जिला स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों, शिक्षा संस्थानों, अदालतों, धार्मिक स्थानों या किसी अन्य घोषित किए गए साइलेंस की कम से कम सौ मीटर की दूरी तक पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आतिशबाजी के आयात पर भी प्रतिबंध रहेगा। हर लाइसेंस धारक को फार्म एलई-पांच में पटाखों के उपलब्ध स्टॉक के बारे में जानकारी देनी होगी और पटाखों की श्रेणी के बारे में विवरण देना होगा। अधिकृत स्थलों के अतिरिक्त किसी भी मार्केट अथवा रिहायशी क्षेत्र में पटाखों के संग्रहण एवं बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।
इन रसायनों के पटाखे प्रतिबंधित
दी पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (पेसो) की ओर से अनुमति प्रदान किए गए रसायनों से बने हुए पटाखों की बिक्री एवं उपयोग किया जा सकेंगा। लिथियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, लेड, पारा के यौगिकों से युक्त कोई भी आतिशबाजी की बिक्री व इस्तेमाल नहीं की जाएगी। लाइसेंस धारक व्यापारियों के अलावा अन्य को पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। केवल निर्धारित रसायन से युक्त पटाखे ही बेचे जा सकेंगे। प्रदूषित उत्सर्जन में कमी वाले पटाखे और ग्रीन पटाखे ही बेचे एवं उपयोग किए जाएंगे। ऐसे पटाखे जिनका उत्पादन पहले किया जा चुका है, लेकिन वे उत्सर्जन की कमी के संदर्भ में निर्धारित मापदंड पूर्ण नहीं करते, ऐसे पटाखों की बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। इस प्रकार की श्रेणी के पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का दिया हवाला
बुधवार को जिलाधीश कैप्टन मनोज कुमार ने पटाखों की बिक्री व उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट न्यायालय के पटाखा बिक्री के संदर्भ में जारी आदेशों की अनुपालना में जिला की सीमा में पटाखों की बिक्री एवं उपयोग के लिए दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत निषेध आदेश जारी किए गए है। यह आदेश मानव जीवन, स्वास्थ्य तथा वायु प्रदूषण के संरक्षण के लिए जारी किए गए हैं।
प्रदूषण घटाने के लिए चलाएंगे जागरूकता अभियान
जिलाधीश कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी और सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों की ओर से विद्यार्थियों को आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण की वजह से सांस लेते समय दिक्कत होना और स्वास्थ्य पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव के बारे में जागरूक करेंगे। वे विद्यार्थियों को त्योहार के उपलक्ष्य में पटाखों का उपयोग न करने अथवा कम से कम पटाखे चलाने के बारे में प्रोत्साहित करेंगे। सिविल सर्जन की ओर से स्वास्थ्य के नुकसान पर एडवाइजरी जारी की जाएगी।
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