[ad_1]
- हिंदी समाचार
- स्थानीय
- हिमाचल
- शिमला
- अय्यग्य, 10 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्य निजी शिक्षण आयात की रिपोर्ट में खुलासा …
शिमला8 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
फाइल फोटो
- अयोग्य वीसी यूजीसी के नियमों को नहीं करते पूरा, आयोग ने 10 दिसंबर तक मांगी एक्शन टेकन रिपाेर्ट
प्रदेश में चल रहे 16 निजी विश्वविद्यालयाें में से दस के वाइस चांसलर अयाेग्य पाए गए हैं। इनमें से कुछ ओवरएज हैं तो कुछ की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के तहत नहीं की गई है। राज्य निजी शिक्षण आयाेग की रिपाेर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। यह पहला माैका है जब आयाेग ने एक साथ 10 निजी विश्वविद्यालयाें के वीसी की येाग्यता काे अयाेग्य करार दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
आयाेग ने उनके पास आई शिकायताें के बाद सभी निजी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर की याेग्यता और उनकी नियुक्तियाें काे लेकर एक जांच कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने रिकाॅर्ड की जांच के बाद अपनी रिपाेर्ट शुक्रवार काे आयाेग काे साैंपी थी। अध्ययन के बाद आयाेग ने पाया कि प्रदेश के 16 में से 10 विश्विविद्यालयाें के वीसी की नियुक्तियां यूजीसी के नियमों के तहत नहीं हुई हैं।
इन विश्वविद्यालयाें के वीसी पाए गए अयाेग्य
आयाेग की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपाेर्ट में जिन दस निजी विश्वविद्यालयाें के विसी आयाेग्य पाए गए हैं उनमें एपीजी (शिमला), बहारा (वाकनाघाट-सोलन), एमएमयू (सोलन), चितकारा (शिमला), इंडस (ऊना), अर्नी (कांगड़ा), शूलिनी (सोलन), बद्दी यूनिवर्सिटी (बद्दी), इकफाई (बद्दी) अाैर बडूसाहिब (राजगढ़-सिरमौर) शामिल हैं।
इनमें से दाे विश्विविद्यालयाें शूलिनी और बद्दी यूनिवर्सिटी के वीसी यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक ओवरएज पाए गए हैं जबकि 8 विश्वविद्यालयाें की नियुक्ति नियमाें के विपरीत पाई गई है।
आगे क्या| राज्य निजी शिक्षण आयाेग ने मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित विश्वविद्यालय के चांसलर से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने काे कहा। आयाेग ने सभी संबंधित चांसलर से दस दिसंबर तक इस मामले की एक्शन टेकन रिपाेर्ट साैंपने के भी आदेश जारी किए हैं।
विश्वविद्यालयाें में क्वालिटी एजुकेशन पर सवाल
दस निजी विश्विद्यालाें के वीसी की नियुक्तियाें में जाे खामियां पाई गई हैं उनमें कई वाइस चांसलर अाेवरएज के पाए गए हैं, कई निर्धारित याेग्यताओं काे पूरा नहीं करते हैं। कई वाइस चांसलराें के पास काम का अनुभव नहीं है। जाे वीसी यूजीसी के नियमाें काे फॉलाे नहीं कर रहे हैं, उनकी अयाेग्यताओं के चलते विश्वविद्यालयाें में क्वालिटी एजुकेशन पर सवाल भी उठ चुके हैं।
इसकी शिकायत राज्य निजी शिक्षण आयाेग से की गई है। आयाेग के अध्यक्ष ब्रिगेडियर अतुल कौशिक ने बताया कि वह शिक्षा के साथ किसी तरह का समझाैता नहीं हाेने देगे। क्वालिटी एजुकेशन काे बनाए रखने के लिए नियमाें का सख्ती से पालन किया जाएगा। रिपाेर्ट में दस निजी विश्विद्यालयाें के वीसी नियमों के विपरीत पाए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई काे लेकर संबंधित यूनिवर्सिटी को आदेश दिए गए हैं।
प्रो. गुप्ता की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की जांच
प्रो. सुनील कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. एसपी बंसल, सरदार वल्लभ भाई पटेल कलस्टर विवि मंडी के कुलपति प्रो. सीएल चंदन शामिल थे। आयोग ने सभी निजी विवि के कुलपतियों का बायोडाटा मंगवाया था। इनके शैक्षणिक योग्यता और अध्यापन अनुभव व शोध कार्यों को जांचा गया है।
हजारों स्टूडेंट उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों में जा रहे
राज्य में डेढ़ दर्जन यूनिवर्सिटी के बावजूद हजारों स्टूडेंट उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। रिकॉर्ड के अनुसार करीब 23000 बच्चे राज्य की यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं जबकि 35000 स्टूडेंट्स क्वालिटी एजुकेशन के लिए दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटी में एडमिशन ल रहे हैं।
[ad_2]
Source link