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जालंधर10 मिनट पहले
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एएसआई और इंस्पेक्टर ने ज्योतिषी से शिकायत निपटाने की एवज में रिश्वत मांगी।
- एएसआई के साथ इंस्पेक्टर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का केस दर्ज
पैसों के लेनदेन का राजीनामा होने के बाद भी शिकायत के निपटारे के बदले सेवा-पानी के नाम पर रिश्वत लेने वाले एएसआई को विजिलेंस ब्यूरो ने रंगे हाथों पकड़ा है। विजिलेंस ब्यूरो ने जालंधर थाने में एएसआई के साथ यूनिट के इंचार्ज इंस्पेक्टर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया है।
विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि होशियारपुर जिले की दसूहा तहसील के गांव बाहटीवाल निवासी मनिंदर कुमार शर्मा ज्योतिषी है। होशियारपुर के ही गांव नंदाचौर का रहने वाला राजिंदर सिंह और मोगा जिले के गांव माहकोट का गुरचरण सिंह उसके दोस्त हैं। राजिंदर सिंह के पास 2012 मॉडल की एक वरना कार थी, जिसका सौदा उसने 7 लाख में गुरचरण सिंह के साथ किया था और 2 लाख एडवांस लेने थे। गुरचरण सिंह ने 2 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए राजिंदर सिंह के बैंक खाते में ट्रांसफर करने थे, लेकिन किसी कारण से पैसे ट्रांसफर नहीं हुए।
राजिंदर सिंह ने गुरचरण सिंह को कहा कि वह मनिंदर शर्मा के खाते में पैसे ट्रांसफर करके देख ले तो गुरचरण सिंह ने आरटीजीएस के माध्यम से शिकायतकर्ता मनिंदर सिंह के खाते में 2 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। फिर मनिंदर शर्मा ने उसी दिन यह पैसे आगे राजिंदर सिंह के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद राजेंद्र सिंह ने गुरचरण सिंह को न तो गाड़ी बेची और न ही उसके एडवांस दिए पैसे वापस किए। इसलिए गुरचरण सिंह ने मनिंदर शर्मा के खिलाफ एसएसपी होशियारपुर को शिकायत दे दी। इस शिकायत की जांच होशियारपुर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा- 2 को दी गई।
वहां से एएसआई बलविंदर सिंह ने शिकायतकर्ता मनिंदर को फोन करके कहा कि उसके खिलाफ ट्रैवल एजेंट की शिकायत मिली है। मनिंदर शर्मा ने एएसआई को बताया कि यह मामला ट्रैवल एजेंट का नहीं, बल्कि गाड़ी की खरीद-फरोख्त के पैसों के लेन-देन का है। एएसआई बलविंदर सिंह ने उसे दफ्तर आकर मिलने को कहा। लेकिन मनिंदर ने कहा कि उसे डेंगू हो रखा है, इस वजह से वह ठीक होने के बाद ही आएगा। इसी दौरान 4 अक्टूबर को राजिंदर सिंह का गुरचरण सिंह के साथ 2 लाख रुपए वापस देने के संबंध में गांव के गणमान्य व्यक्तियों और पंचायत की हाजिरी में राजीनामा हो गया।
इसके बाद शिकायतकर्ता मनिंदर राजीनामे की कॉपी होशियारपुर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के दफ्तर में दे आया। अब करीब एक हफ्ते पहले ही उसे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट होशियारपुर पुलिस के एएसआई पवन कुमार का फोन आया। एएसआई ने कहा कि उसके खिलाफ पुलिस के पास एक शिकायत पेंडिंग चल रही है। जवाब देते हुए मनिंदर ने कहा कि इस संबंध में राजीनामा हो चुका है और उसकी कॉपी वह एएसआई को दे चुका है। उसने एएसआई पवन को आर्थिक अपराध शाखा के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार से बात करने के लिए कहा, लेकिन इंस्पेक्टर ने शिकायतकर्ता को दफ्तर आकर मिलने को कह दिया।
जब वह वहां पहुंचा तो इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने उससे ज्यादा बात नहीं की और बाहर बैठने के लिए कह दिया। फिर मनिंदर के साथ आए लोगों ने बताया कि इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने शिकायत के निपटारे के लिए 50 हजार रुपये की मांग की है। पैसे नहीं देने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी भी दी है। इसके बाद मनिंदर फिर 6 नवंबर को आर्थिक अपराध शाखा में इंस्पेक्टर मनोज कुमार को मिला। इंस्पेक्टर ने उसे एएसआई पवन कुमार से मिलने को कहा। वह एएसआई पवन कुमार से मिला तो उसने कहा कि उसके खिलाफ एक शिकायत काफी टाइम से पेंडिंग है।
जब उसने एएसआई पवन कुमार को राजीनामा होने की बात बताई तो उसने कहा कि शिकायतों का निपटारा इस तरह से नहीं होता। अगर तू सेवा-पानी करेगा तो ही तेरी शिकायत का निपटारा होगा, नहीं तो तेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाएगी। शिकायत के निपटारे के लिए एएसआई पवन कुमार ने 50 हजार की रिश्वत मांगी। काफी मिन्नतें करने के बाद वह 20 हजार पर राजी हो गया। इसके बाद मनिंदर ने विजिलेंस को शिकायत कर दी। जिस पर कार्रवाई करते हुए विजिलेंस टीम ने एएसआई पवन कुमार को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जालंधर रेंज के विजिलेंस ब्यूरो थाने में एएसआई पवन के साथ होशियारपुर की आर्थिक अपराध शाखा के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार के खिलाफ भी एंटी करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
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