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पानीपत8 मिनट पहले
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स्मॉग के बीच ऐसी दिखीं इमारतें।
हवाओं की रफ्तार कम होने से फिर से स्मॉग छा गया है। रविवार सुबह से शाम तक स्माॅग छाया रहा। रविवार को एक्यूआई 405 दर्ज किया गया। जो मानक से 4 गुना अधिक रहा। वहीं, सुबह और रात को विजिबिलिटी 200 मीटर दर्ज की गई। प्रदूषण बढ़ने से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत लोगों को होने लगी है। इसके बाद खेतों में पराली जलाई जा रही है। सड़क किनारे कूड़े जलाए जा रहे हैं। 31 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 445 तक पहुंच गया था। 1 नवंबर से विंड पैटर्न में बदलाव आ गया।
उत्तरी-पश्चिमी हवाओं का चलना शुरू हो गया। हवाओं की रफ्तार 4 किलोमीटर प्रतिघंटे से बढ़कर 8 किमी तक पहुंच गई थी। इस कारण शहरवासियों को प्रदूषण से मामूली राहत मिल गई थी। शनिवार रात को मौसम में फिर से बदलाव आ गया। उत्तरी हवाओं का चलना शुरू हो गया। हवाओं की रफ्तार 3 से 4 किलोमीटर प्रतिघंटे की रह गई।
वह दिन और रात के तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट आ गई। तापमान में कमी आने और हवाओं की रफ्तार कम हो जाने से हवा में फिर से प्रदूषण की मात्रा बढ़ना शुरू हो गया। शनिवार को एक्यूआई 358 दर्ज किया गया था। जो रविवार को बढ़कर 405 तक पहुंच गया। इस कारण रविवार सुबह से रात तक हवा में स्मॉग छाया रहा।
आगे क्या: वरिष्ठ माैसम विशेषज्ञ डॉ. डीपी दुबे के अनुसार 15 नवंबर के बाद ही मौसम में बदलाव आ सकता है। इसके बाद ही राहत मिल सकेगी।
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