राजस्थान राज्य के बांसवाड़ा जिले से एक खबर सामने आ रही है. आने वाले 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्रतिष्ठा को लेकर घर-घर न्योता दिया जा रहा है. ऐसे में बांसवाड़ा शहर के एक युवक ने 16 जनवरी को होने वाले अपने विवाह की निमंत्रण पत्रिका को ही राममय बना दिया है. इस निमंत्रण पत्रिका में श्रीराममंदिर के चित्र और कई धार्मिक स्लोगन को प्रकाशित किया गया है.
राम मंदिर के फोटो को मल्टी कलर के साथ
लालीवाव मठ से जुड़े दीपक तेली ‘प्रवीण’ ने मठ के महामण्डलेश्वर महंत हरिओमदास महाराज मार्गदर्शन से अपने विवाह की निमंत्रण पत्रिका में अयोध्या श्रीराममंदिर का चित्र भी प्रिन्ट करवाया है. एक प्रिंटिंग प्रेस पर बतौर डिजाइनर कार्यरत दीपक ने निमंत्रण पत्रिका में श्री राम मंदिर के फोटो को मल्टी कलर के साथ डाई कटिंग व गोल्ड कलर में प्रिन्ट करवाया है.
राममंदिर प्रतिष्ठा
पत्रिका में राममंदिर के शिखर कलशों को और राम के बाल स्वरूप की ज्वैलरी को भी गोल्ड कलर से प्रिंट किया गया है. बता दें, निमंत्रण पत्रिका में विवाह की तारीख को राममंदिर प्रतिष्ठा के उत्सव के साथ मिलाकर एक और महत्वपूर्ण घटना बनाई गई है.
भारतवासियों के हृदय फूले नहीं समाए
निमंत्रण पत्रिका में श्रीराममंदिर के फोटो और आमंत्रण के साथ भारतवासियों के हृदय फूले नहीं समाए हैं, सदियों बाद अयोध्या में फिर से राम आए हैं. जन-जन तक पहुंचे उल्लास की खबरों के बाद, इस निमंत्रण पत्रिका ने लोगों के बीच बहुत ही प्रशंसा प्राप्त की है.
राम अपने घर लौट रहें
बता दें 32 सालों का वनवास काटने के बाद 22 जनवरी को अयोध्या के राजा राम अपने घर लौट रहें है. इसके लिए पूरी नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. जहां रामलला का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो रहा है. आगामी 22 जनवरी को उसके गर्भगृह में रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
आस्था का केंद्र बनी अयोध्या
इस संम्बन्ध में दीपक तेली ने कहा कि मंदिर प्रतिष्ठान के अनुष्ठानं 16 जनवरी से आरंभ होंगे और इसी दिन मेरा विवाह है. अयोध्या आज विश्व पटल पर आस्था का केंद्र बनी हुई है. इसी विचार ने विवाह की निमंत्रण पत्रिका को राममय बनाने को प्रेरित किया.
विवाह में संतगण ही आमंत्रित
उनकी पत्रिका को जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर अवधेशानन्द गिरि महाराज, महंत हरिओमदास महाराज, महंत घनश्यामदास महाराज, मेड़ता पीठाधीश्वर रामकिशोर महाराज, संत रामप्रकाश महाराज, उदयराम महाराज, रघुवीरदास महाराज, सियारामदास महाराज, रामस्वरूप महाराज आदि ने सराहा है. तेली ने विवाह आयोजन में 17 जनवरी को संतगण को ही आमंत्रित किया है.