पूर्व विद्यार्थी हर शिक्षण संस्थान की ब्रैंड वैल्यू होते हैं। कोई भी क्षेत्र हो, यदि हमें सफल होना है तो अपने अंदर ज्ञान, कौशल, आत्मविश्वास, अनुशासन, जिज्ञासा जैसे गुणों को धारण करने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों से भी सीधे तौर पर जुडऩा होगा। इससे फायदा यह होगा कि हमारा सर्वांगिण विकास होने से रोजगार की संभावनाएं अधिक होगी, जिससे कि हम अपने देश, प्रदेश व समाज की अहम कड़ी बनकर उसकी उन्नति में अहम भूमिका अदा कर पाएंगे। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने व्यक्त किए। वे विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की स्वर्ण जयंति के उपलक्ष्य पर आयोजित ‘गोल्डन जुबली इंटरैक्टिव मीट- ब्रिजिंग पास्ट एंड फ्यूचर’ कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित रहे थे। कार्यक्रम में महाविद्यालय की पूर्व अधिष्ठाता डॉ. इंदू ग्रोवर व पूर्व प्रोफेसर डॉ. सलिल सहगल व मंजु गुप्ता सहित 1973-74 बैच की पूर्व छात्राएं शामिल हुई।
मुख्यातिथि प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व शिक्षाविदें व छात्राओं की अधिक संख्या देखकर खुशी जताई। साथ ही विश्वविद्यालय को विशेष पहचान दिलाने में उनके अथक प्रयास की सराहना कर सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपने उद्देश्यों का सही तरीकें से बोध हो जाए और उसकी पूर्ति के लिए हमें सही पथ पर चलाने वाला शिक्षक रूपी अच्छा मार्गदर्शक मिल जाए तो निश्चित रूप में हमें सफलता मिलने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यातिथि ने महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि समय रहते उन्होंने अपने अंदर ज्ञान, कौशल, अनुशासन गुणों का विकास व समाज के हित के लिए कदम नहीं उठाएं तो भविष्य में काफी चुनौतियों से लडऩा पड़ सकता है। इसलिए बदलते समय के साथ अपने अंदर परिवर्तन लाना आवश्यक है।
उन्होंने इंदिरा चक्रवर्ती सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में पढ़ा रहे सभी कोर्सों को अहम बताते हुए कहा कि इससे हमारे ज्ञानवर्धन के साथ सामाजिक कार्यों को बढ़ावा मिलने में भी मदद मिलेगी। मुख्यातिथि ने आधुनिक युग में महिलाओं की हर क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी को नारी शक्तिकरण की अहम मिसाल बताया कि वे आज पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे कक्षा में हर विद्यार्थी की प्रतिभा की पहचान कर उसको संवारने का प्रयास करें। साथ ही उन्हें साकारात्मक सोच के साथ खुद को अपडेट रहने और विद्यार्थियों को सही पथ पर आगे बढऩे की प्रेरणा देने की अपील की। कुलपति ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने करियर को संवारने के लिए पहले कुछ सीखने की ललक और उस कार्य को पूरा करने की निरंतरता जारी रखें। साथ ही पाठ्यक्रमों से संबंधित शिक्षकों से संवाद जरूर करें।
इंदिरा चक्रवर्ती सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. मंजु महता ने सभी का स्वागत कर महाविद्यालय के पिछली 50 वर्ष की गतिविधियां, उपलब्धियां, कार्यों, रैंकिंग, कोर्सों सहित विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की पूर्व छात्राएं देश-विदेशों की प्रतिष्ठित कंपनियों व अन्य संस्थानों में बेहतरीन कार्य कर अपना, परिवार और हकृवि का नाम रोशन कर रही है। उन्होंने 1971 से 2023 तक महाविद्यालय में हो रहे शैक्षणिक कार्यों, खेल, सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पूर्व शिक्षविदें व पूर्व विद्यार्थियों को याद कर महाविद्यालय में पढ़ रही छात्राओं को उसने प्रेरणा लेने की अपील की।
महाविद्यालय की पूर्व अधिष्ठाता डॉ. इंदु ग्रोवर ने उपस्थित छात्राओं से अपने अनुभव शेयर कर सामुदायिक कोर्सों में अपना करियर संवारने के टिप्स दिए। उपरोक्त महाविद्यालय की पूर्व अधिष्ठाता डॉ. प्रवीन पूनिया व पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुदेश गांधी ने अपने यादगार पलों को याद कर अपने अनुभव शेयर किए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यातिथि ने एक पुस्तक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए डॉ. कृष्णा खाम्बरा, डॉ. एमपी गुप्ता, डॉ. सुदर्शन महता, डॉ. के.एल गुलाटी, डॉ. पी.एल. गुप्ता, डॉ. आर.के. पूनिया इत्यादि को सम्मानित किया। इससे जबकि डॉ. लाली यादव ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. ज्योति सिहाग ने किया।