Ahoi Ashtami today, scolding and beating children is forbidden, daughter-in-law keeps her waterless, worshiped after seeing stars | अहोई अष्टमी आज, बच्चों को डांटना और पीटना वर्जित, पुत्रवती रखती हैं निर्जल व्रत, सितारे देखने के बाद की जाती है पूजा

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जालंधर6 घंटे पहले

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  • शाम 5:37 से 6:56 बजे तक पूजा का शुभ समय

करवाचौथ के चौथे दिन अहोई अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाने वाला यह त्योहार इस बार आठ नवंबर को मनाया जा रहा है। महिलाएं संतान प्राप्ति, पति की लंबी उम्र की कामना एवं सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। पुत्रवती महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और शाम के समय दीवार पर आठ कोनों वाली एक पुतली बनाती हैं।

व्रत वाले दिन अहोई माता के साथ-साथ भगवान शिव-पार्वती की पूजा का विधान है। माताएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात को तारों को देखकर व्रत खोलती हैं। मान्यता है कि इस दिन बच्चों को डांटना या मारना वर्जित होता है। किसी भी प्रकार की नुकीली चीज का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया जाता और न ही किसी जीव को नुकसान पहुंचाया जाता है।

इन कामों पर प्रतिबंध

  • बच्चों को मारना या पीटना
  • कैंची का इस्तेमाल, सिलाई करना
  • किसी जीव को नुकसान पहुंचाना
  • जमीन में खड्डा खोदना

घर, गहने, वाहन खरीदने का शुभ दिन

पं. गौतम भार्गव, पं. विजय शास्त्री, आचार्य नरेंद्र वशिष्ठ ने बताया कि सुबह स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लेकर माता पार्वती, सेह और सेह के 7 बच्चों की आकृति बनाकर पूजा की जाती है। दूध, चावल आदि का भोग लगाया जाता है। संध्या प्रदोषकाल में कथा सुनकर ब्राह्मण को दान-दक्षिणा, भोजन भेंट करने के बाद सितारों को देखकर भोजन किया जाता है।

विद्वानों के मुताबिक सप्तमी तिथि रविवार को सुबह 7:30 बजे समाप्त हो जाएगी और अष्टमी की शुरुआत होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 4:30 बजे शुभ के चौघड़िया के साथ शुरू होगा। पूजा के लिए समय शाम 5:37 से 6:56 उत्तम रहेगा। उन्होंने बताया कि करवाचौथ के बाद अहोई अष्टमी बाजार के नजरिये से भी उत्तम रहेगी। 8 नवंबर को रवि पुष्य योग और स्वार्थ सिद्धि योग के साथ राजयोग का निर्माण हो रहा है। इसलिए सोने-चांदी के गहने, घरेलू समान फर्नीचर, वाहन, घर व अन्य वस्तुएं खरीदने का शुभ मुहूर्त है।

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