[ad_1]
- हिंदी समाचार
- स्थानीय
- पंजाब
- कृषि कानून: भारतीय रेलवे ने किसानों के आंदोलन के कारण गुंडा ट्रेन चलाने से इनकार कर दिया
चंडीगढ़21 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पंजाब में रेल ट्रैक पर डटे किसान
- किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने बड़ा फैसला ले लिया है
- मालगाड़ियों की आवाजाही पर 12 नवंबर तक रोक रहेगी
केंद्र और पंजाब सरकार की तनातनी के बीच पंजाब में संकट गहरा गया है और ब्लैकआउट का खतरा भी बढ़ गया है। क्योंकि किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने बड़ा फैसला ले लिया है। रेलवे ने फिलहाल मालगाड़ियां दौड़ाने से साफ इंकार कर दिया है। अब मालगाड़ियों की आवाजाही पर 12 नवंबर तक रोक रहेगी।
केंद्र सरकार से सभी बैठकें बेनतीजा
पंजाब में मालगाड़ियां दौड़ाने के लिए कांग्रेस सांसद शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। सांसदों ने मंत्री शाह के सामने पंजाब की वर्तमान स्थिति बयां की, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही। सांसदों ने दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब में जल्द रेल सेवाएं बहाल करने का भरोसा दिया।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रखी शर्त
सांसदों ने वीरवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ भी बैठक की थी, जो संतोषजनक नहीं रही। रेल मंत्री से स्पष्ट जवाब न मिलने के कारण सांसदों ने बैठक बीच में छोड़ दी थी। वहीं रेल मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पंजाब सरकार सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती, ट्रेनों की आवाजाही बाधित रहेगी।
कैप्टन ने दिया था क्लीयरेंस का भरोसा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने रेल मंत्रालय को भरोसा दिलाया था कि रेलवे ट्रैक खाली हैं और किसानों ने स्टेशन भी छोड़ दिए हैं। शुक्रवार को किसानों ने 21 जगहों पर ट्रैक से धरना उठा दिया है। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ विनोद कुमार यादव को यही भरोसा दिलाया।
रेलवे ने दावे को गुमराह करने वाला बताया
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने पंजाब सरकार के दावे को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा, 22 जगहों पर धरना जारी है। दीवाली और छठ पूजा के मद्देनजर रेलवे मालगाड़ियां ही नहीं, पैसेंजर ट्रेनें भी चलाना चाहता है। मौजूदा हालात में 12 नवंबर तक ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी।
15 जगहों पर रेलवे परिसरों में धरना दिया जा रहा है
अमृतसर, बटाला, बठिंडा, मानसा, फिरोजपुर, मोगा, संगरूर, फाजिल्का समेत 15 जगहों पर जत्थेबंदियों डटी हैं। बठिंडा में शनिवार सुबह मुलतानिया पुल के नीचे टैंट लगा धरना दिया गया। मौड़ मंडी में वह रेलवे ट्रैक के नजदीक, रामपुरा में स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रदर्शन जारी है।
सामान के साथ ट्रैक पर ही खड़ी हैं मालगाड़ियां
26 सितंबर से मालगाड़ियां बेपटरी हैं। 21 अक्टूबर को परिचालन शुरू हुआ, पर 23 को फिर रोकना पड़ा। कांग्रेस नेताओं ने रेल मंत्री से मुलाकात कर सूबे को हो रहे नुकसान की जानकारी दी। सांसदों ने कहा कि पंजाब को कोयला, यूरिया समेत जरूरी सामान नहीं मिल रहा। न ही पंजाब से किसी चीज की सप्लाई हो रही है।
नॉर्दर्न रेलवे को 1200 करोड़ से ज्यादा नुकसान
पंजाब में किसान आंदोलन के कारण नॉर्दर्न रेलवे को अब तक 1200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। प्रतिदिन औसतन 45 करोड़ का नुकसान हो रहा है। नॉर्दर्न रेलवे के जीएम आशुतोष गंगाल ने बताया कि आंदोलन के कारण प्रतिदिन आने व जाने वाली औसतन 70 मालगाड़ियां प्रभावित हो रही हैं।
[ad_2]
Source link