After Diwali, the team of officers will go to Barsana, Raipur Kalan’s Gaushala is to be built on the lines of Barsana | दिवाली बाद बरसाना जाएगी अफसरों की टीम, बरसाना की तर्ज पर बननी है रायपुर कलां की गौशाला

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चंडीगढ़7 घंटे पहले

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प्रतिकात्मक फोटो

नगर निगम रायपुरकलां की गौशाला को बरसाना की तर्ज पर बनाएगा। मलोया की गौशाला का एक्सपेंशन भी उसी तर्ज पर होगा। इसके लिए दीवाली के बाद अफसर अपने साथ शहर के प्राइवेट आर्किटेक्ट एमके खन्ना को लेकर बरसाना जाएंगे।

खन्ना ने बरसाना की गौशाला को डिजाइन किया था। उसी की तर्ज पर मलोया की गौशाला का एक्सपेंशन होगा। निगम के इंजीनियरिंग विंग के एसई, एक्सईएन ने मंगलवार को प्राइवेट आर्किटेक्ट के साथ रायपुर कलां और मलोया गौशाला का दौरा किया था।

रायपुर कलां में गौशाला की जमीन 5 हजार से ज्यादा गायों के लिए है। जबकि मलोया की गौशाला भी एक हजार गांयों की ओर बन सकती है। इन गौशालाओं को निगम काउ सैस से मिलने वाले फंड से बनाएगा।

नगर निगम को मार्च 2021 तक 22 करोड़ काउ सैस मिलने का अनुमान है। इनमें शराब और बीयर की बोतल बिकने पर साल में 18 करोड़ , बिजली की प्रति यूनिट पर 12 पैसे के हिसाब से साल में 3 करोड़ और टू एवं फोर व्हीलर की रजिस्ट्रेशन से 1 करोड़ रुपए काउ सैस आएगा।

अभी तक आउ सैस के 4.5 करोड़ निगम के पास आ चुके हैं। इस बार कोरोना की वजह से लॉक डाउन लागू होने से काउ सैस जुलाई से मिलना शुरु हुआ । काउ सैस का पैसा गोशालाओं और गायों के लिए चारा, दवा खरीदने और मशीनरी पर खर्च हो सकेगा। इसी फंड से रायपुर कलां की नई गौशाला आधुनिक बनाई जाएगी।

जबकि मलोया की गौशाला का एक्सपेंशन भी बरसाना की गौशाला के आधार पर किया जाएगा। सेक्टर 25, सेक्टर 45 गौशाला और इंडस्ट्रियल एरिया फेज वन कैटल पोंड रेनोवेशन भी बरसाना की गौशाला के आधार पर की जाएगी। इनका काम बरसाना की गौशाला देखने के बाद ही शुरु हो सकेगा।

अभी तक निगम के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने सेक्टर 25, मलोया, सेक्टर 45 गौशाला और कैटल पौंड की खुरली , फर्श की रिपेयर और शेड को चेंज करने का एस्टीमेट बनाया हुआ है। लेकिन रेनोवेशन का काम बरसाला की गौशाला देखने तक रोका गया है। शायद बाद में इन कामों के अलावा कुछ और भी करवाना पड़ सकता है।

निगम के पास आने लगा है काउ सैस

मेयर राजबाला मलिक का कहना है कि निगम के पास काउ सैस आने लगा है। इस पैसे को गौशाला बनाने और रेनोवेशन पर ही खर्च किया जाएगा। रायपुर कलां की गौशाला को भी इसी फंड से बनाया जाना है। लेकिन गौशाला को बरसाना की गौशाला की तर्ज पर डिजाइन किया जाएगा। उसे चंडीगढ़ के प्राइवेट आर्किटेक्ट द्वारा किया गया था। अब एमसी भी उसी आर्किटेक्ट की सेवाएं ले रहा है। लेकिन पहले बरसाना की गौशाला को देखने के लिए टीम जाएगी।

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