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- 22 साल बाद, अकाली दल और भाजपा निगम हाउस में टूट जाएंगे, वे एक दूसरे पर सवाल उठाएंगे।
जालंधर19 घंटे पहले
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- दोनों पार्टियां एकजुट होकर लड़ती रही हैं चुनाव
पंजाब से लेकर केंद्र की सियासत में 22 साल पुराने शिअद-भाजपा का गठबंधन टूटने का असर पहली बार शुक्रवार को निगम हाउस की मीटिंग में भी दिखेगा। निगम की सियासत में पहले से कमजोर विपक्ष की भूमिका निभा रहा गठबंधन अब खुद ही अलग-थलग हो गया है। 14 पार्षदों वाले विपक्ष में अब भाजपा के 9 और अकाली दल के 5 पार्षद होंगे। ऐसे में इस बार कांग्रेस के 65 पार्षदों के मुकाबले शायद ही हाउस में विपक्ष का ज्यादा शोर सुनने को मिले क्योंकि स्थानीय निकाय की सियासत में 22 साल बाद पहली बार कल तक एक साथ रहे अकाली दल और भाजपा पार्षदों के विरोध का मुद्दा और एजेंडा भी अलग अर्थात अपना-अपना होगा।
जहां कांग्रेस को राहत तो वहीं कमजोर विपक्ष का होगा और ज्यादा बुरा हाल
यह बड़ा कारण है कि 8 माह बाद निगम हाउस की होने वाली बैठक को लेकर एजेंडा जारी होने के 2 दिन बाद भी विपक्ष की सरगर्मी दिखाई नहीं दे रही है। वैसे जालंधर निगम बनने से पहले कमेटी और फिर साल 1992 में निगम बनने के बाद से अकाली दल और भाजपा अलग-अलग ही चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन साल 1997 से बीते 2017 के चुनाव में दोनों पार्टी साथी गठबंधन की रणनीति में ही एकजुट होकर चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन हैरानी की बात नहीं होगी जब कांग्रेस से दूर अकाली दल और भाजपा के ही पार्षद एक-दूसरे को घेरते नजर आएंगे।
विपक्ष की कतार में ही बैठेंगे लेकिन मुद्दा अपना-अपना होगा
निगम में भाजपा के उपनेता विपक्ष पार्षद सुशील शर्मा का कहना है कि उनकी पार्टी के पार्षद बैठेंगे तो विपक्ष की कतार में ही, लेकिन मीटिंग में मुद्दा अलग-अलग होगा। जाहिर है गठबंधन टूटने के बाद विरोध के सुर भी अलग-अलग होगा और अब ये लोगों को दिखेगा भी।
गठबंधन ने भाजपा पार्षद चट्ठा को बनाया था नेता विपक्ष…जनवरी, 2018 में निगम सदन के गठन के दौरान गठबंधन ने भाजपा के वरिष्ठ पार्षद मनजिंदर सिंह चट्ठा को निगम का नेता विपक्ष बनाया था। साथ में दो उपनेता के रूप में अकाली दल से परमजीत सिंह रेरू और भाजपा कोटे से सुशील शर्मा को उपनेता बनाया था। सेहत कारणों से चट्ठा मीटिंग से लगातार गैरहाजिर रहे हैं। ऐसे में अब दोनों उपनेता ही अपने पार्टी के पार्षदों की अगुआई करेंगे।
कांग्रेस के साथ ही अकाली दल और भाजपा की मीटिंग आज...निगम हाउस की मीटिंग को लेकर कांग्रेस के साथ ही विपक्ष की अकाली दल और भाजपा के पार्षदों की मीटिंग वीरवार को होगी। विपक्ष के पार्षद मीटिंग में मेयर और कमिश्नर को घेरने को लेकर अपनी रणनीति तय करेंगे तो कांग्रेस अपने एजेंडा पास कराने को लेकर रणनीति बनाएगा।
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