Abhishek Mangla’s anticipatory bail plea rejected in the High Court, pornographic images of his wife were put on social media | हाईकोर्ट में अभिषेक मंगला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, सोशल मीडिया में डाले थे पत्नी के अश्लील फोटो

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शिमला12 दिन पहले

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फाइल फोटो

अपराध के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव की प्रकृति पर ध्यान देते हुए उच्च न्यायालय ने अभिषेक मंगला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके खिलाफ आरोप है कि उसने अपनी ही पत्नी के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी एकाउंट बनाकर पत्नी की ही अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड किए थे। जज विवेक सिंह ठाकुर ने यह आदेश अभिषेक मंगला द्वारा अग्रिम जमानत देने के लिए दी दायर याचिका पर दिया। पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी कि अभिषेक ने उसके मोबाइल पर उसकी नग्न तस्वीरें क्लिक की और उसे धमकी दी कि वह उसके पिता को उसे स्कूटी देने के लिए कहे, अन्यथा वह उसकी नग्न तस्वीरें इंटरनेट पर पोस्ट कर देगा। उसके प्रतिरोध करने पर, उसने उसे धोखा दिया और उसके नाम से एक फर्जी आईडी बनाकर तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर दीं। उसने सोशल मीडिया के स्क्रीनशॉट भी भेजे थे।

कोर्ट की प्रतिक्रियाः

जमानत को खारिज करते हुए, न्यायालय ने कहा कि पति और पत्नी का संबंध एक विशेषाधिकार प्राप्त संबंध है। विवाह की संस्था विश्वास और विश्वास को प्रेरित करती है जिससे पति-पत्नी का एक-दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण होता है। कभी-कभी तो माता-पिता और बच्चों से भी अधिक आपसी विश्वास वाला यह संबंध सुरक्षा की भावना पैदा करता है।

न्यायालय ने आगे कहा कि पति-पत्नी की नग्न तस्वीरों को पोस्ट करना और अपलोड करना, विशेष रूप से पत्नी के विश्वास को सार्वजनिक तौर धोखा देना है जो कि वैवाहिक संबंधों के तात्पर्य से विपरीत है। यह न केवल गंभीर है बल्कि जघन्य अपराध है। पीड़ित की आत्मा, मन और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव कल्पना से परे है।

न्यायालय ने यह भी माना कि अग्रिम जमानत का असाधारण प्रावधान, ऐसे अपराधियों को लाभान्वित करने के लिए तैयार नहीं है, विशेष रूप से एक पति जो सार्वजनिक रूप से अपनी पत्नी को अलग करने के लिए इस तरह कर अपराध को जन्म देता है।

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