aaj ka jeevan mantra by pandit vijay shankar mehta, mahabharata story about kaliyug, facts about kaliyug, life managmenet tips by pandit vijay shankar mehta | पांच बातें ऐसी हैं जो हमारे जीवन में अशांति और विनाश लेकर आती हैं, इन गलत आचरणों से बचकर ही रहें

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  • Aaj Ka Jeevan Mantra By Pandit Vijay Shankar Mehta, महाभारत की कहानी कलियुग के बारे में, कलयुग के बारे में तथ्य, पंडित विजय शंकर मेहता द्वारा बताई गई लाइफ मैन्जमैनट टिप्स

4 घंटे पहलेलेखक: पं. विजयशंकर मेहता

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  • महाभारत की कहानी समझाती है कि कलियुग किन रास्तों से हमारे जीवन और परिवार में प्रवेश करके विनाश करता है

कहानी – महाभारत युद्ध के बाद का प्रसंग है। युद्ध में पांडव विजयी हो गए थे। कुछ सालों तक युधिष्ठिर ही राजा बने रहे। बाद में अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को राजा घोषित कर दिया गया। परीक्षित बहुत बुद्धिमान और धर्म के जानकार थे। एक दिन वे कहीं जा रहे थे, तब उन्होंने देखा कि खेत में एक काला आदमी गाय और बैल को मार रहा है।

परीक्षित ने तीनों से उनका परिचय पूछा। गाय ने कहा कि मैं धरती हूं। बैल ने कहा कि मैं धर्म हूं। गाय और बैल के बाद काला व्यक्ति बोला कि मैं कलियुग हूं। अब मेरे आने का समय हो गया है। मैं आते ही सबसे पहले धरती और धर्म पर प्रहार करता हूं। आप द्वापर युग के अंतिम राजा हैं, तो अब आप कलियुग को यानी मुझे प्रवेश दीजिए।

परीक्षित ने काफी सोचकर कहा कि चार जगहों से तेरा प्रवेश होगा। पहली जगह जहां मदिरा पी जाती हो, दूसरी जहां जुआं खेला जाता हो, तीसरी जहां हिंसा हो और चौथी जहां व्यभिचार होता हो। व्यभिचार यानी जहां पुरुष अपनी स्त्री के होते हुए भी अन्य स्त्री से संबंध रखता है और पति के होते हुए भी महिला किसी अन्य पुरुष से संबंध रखती है। कलियुग ने कहा कि ये चारों रास्ते खराब हैं, मुझे कम से कम एक रास्ता तो अच्छा दीजिए। जहां से मैं सरलता से आ सकूं। तब परीक्षित ने कहा था कि जहां सोना (स्वर्ण) हो, वहां से भी तू प्रवेश कर सकता है।

उस समय लेन-देन की करंसी गोल्ड ही थी। गलत रास्ते से यदि आप आमदनी करेंगे तो भी कलियुग आपके जीवन में आ जाएगा। कलियुग यानी गलत आचरण। आज भी अगर ये पांच स्थान ठीक नहीं हैं, तो कलियुग आता ही है। ये व्यवस्था उस समय परीक्षित ने कर दी थी। जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो नशा, जुआं, हिंसा, व्यभिचार से बचें और गलत तरीके से धन कमाने की कोशिश भी न करें।

सीख – ध्यान दें, कहीं हमारी जिंदगी में भी ये पांच बातें तो नहीं हो रही हैं। अगर इन पांच में से कोई एक बात भी हमारे जीवन में हो रही है तो समय रहते सावधान हो जाएं। वरना, गलत आचरण हम करेंगे और इसकी कीमत हमारा परिवार, समाज और ये राष्ट्र चुकाएगा।



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