[ad_1]
आराएक दिन पहले
- कॉपी लिंक
दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रयी कॉलेज ने क्रंदन और क्रांति विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। प्रमुख वक्ता के तौर पर महंथ महादेवानंद महिला कॉलेज के इतिहास विभाग की डॉ अनुपमा ने पीएचडी शोध के विषय, वर्ग और वस्त्र के इतिहास के आधार पर व्याख्यान दिया।
अपना मत रखते हुए कहा कि जाति, जेंडर और अस्मिता जैसे विषय समाज में उत्पन्न जातीय विषमताओं को समझाने में मदद करता है। कपड़ों के इतिहास के जरिए दलित समाज की क्रंदन और क्रांति के ऊपर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ आभा सिंह ने डॉ अनुपमा के कदम को सराहा। वेबिनार में इतिहासकार डॉ उमा चक्रवर्ती ने अपनी बातों को रखा। उन्होंने जाति एवं वर्ण के अंतर के बारे में समझाया। कहा कि अपने देश में इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है। जाति यदि सामाजिक विभाजन का अंग है तो वर्ण को आर्थिक विभाजन का अंग माना जा सकता है।
[ad_2]
Source link