As soon as the switch was on, a spark of thread fell from the machine, a fire in the factory | स्विच ऑन करते ही मशीन से निकली चिंगारी धागों की गांठ पर गिरी, फैक्ट्री में लगी आग

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पानीपत20 घंटे पहले

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शाॅर्ट सर्किट से फैक्ट्री में लगी आग काे बुझाता फायर ब्रिगेड का कर्मचारी।

  • काबड़ी गांव में बांके बिहारी स्पिनिंग मिल में भयंकर आग लगने से मशीन व माल हुआ नष्ट
  • दमकल विभाग, रिफाइनरी व एनएफएल से पहुंची 60 से ज्यादा फायर ब्रिगेड गाड़ी, सुबह से शाम तक आग बुझाने में लगी रहीं

काबड़ी गांव के पास स्थित बांके बिहारी स्पिनिंग मिल में शनिवार को आग लगने से कच्चा व तैयार माल के साथ-साथ सभी मशीनें भी खाक हो गईं। सुबह फैक्ट्री खुलने के साथ पहुंचे मजदूरों ने जैसे ही मशीन चलाई तो इनसे निकली चिंगारियां पास में ही पड़ी धागे की गांठों में जा गिरीं। मजदूरों की नजर पड़ने तक आग फैल चुकी थी, क्योंकि आग लगने हिस्से में कोई मजदूर काम नहीं कर रहा था।

मजदूरों ने आग बुझाने की कोशिश भी की, लेकिन नाकाम रहे। इसी दौरान कुछ मजदूर भागते हुए फैक्ट्री मालिक मुकेश गोयल के कार्यालय में भी पहुंच गए। गोयल ने बताया कि वह भी कुर्सी छोड़ भागे-भागे आग लगने वाले हिस्से में पहुंचे। आग बहुत ज्यादा फैल जाने से स्थिति भयावह हाे चुकी थी। उनके फोन करने 10 मिनट के भीतर फायर विभाग की गाड़ियां भी पहुंच गई।

सुबह 10:50 से रात 8 बजे तक 60 से ज्यादा गाड़ियां पहुंचीं फैक्ट्री में आग सुबह 10:50 बजे लगी थी। रात 8 बजे तक 60 से ज्यादा गाड़ियाें के चक्कर लगे। फायर विभाग के एफएसओ रामेश्वर सिंह व यादविंद्र सिंह ने बताया कि समालखा, एनएफएल व पानीपत शहर के तीनों स्टेशनों से 12 गाड़ियां लगी रहीं। आसपास की अन्य फैक्ट्रियों से पानी मिलता रहा। फिर भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

2 साल पहले ही लगाई थी फैक्ट्री

माॅडल टाउन में शिवाजी स्टेडियम के पास रहने वाले फैक्ट्री मालिक मुकेश गोयल ने बताया कि काबड़ी में 2 साल पहले ही धागा फैक्ट्री लगाई थी। इससे पहले भाई के साथ गोहाना रोड पर स्थित फैक्ट्री में ही कामकाज कर रहा था। पहले जीएसटी ने काम प्रभावित किया। उससे थोड़ी राहत मिली तो कोरोना काल में काम ठप हो गया। अभी एक माह से कुछ काम ने गति पकड़ी ही थी। शनिवार को लगी आग में सब बर्बाद हो गया। आग लगने से कच्चा व तैयार माल के अलावा सभी मशीनें तो जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गई। फैक्ट्री की दीवारें व छत का लेंटर व शैड भी पूरी तरह से नष्ट हो गए।

फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों ने दीवार फांद बचाई जान

फैक्ट्री के जिस हिस्से में आग लगी थी, उसके बराबर वाले हिस्से में मजदूरों ने काम शुरू कर दिया था। आग ज्यादा भड़कने लगी तो वे उसी हिस्से से दीवार फांदकर फैक्ट्री से बाहर सुरक्षित निकल गए। आग में फैक्ट्री के भवन की दीवारें व छत के लैंटर टूटकर नीचे गिर गए।

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