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गुड़गांव17 घंटे पहले
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गुड़गांव. कोरोना पेशेंट की जांच करते डॉक्टर।
- 293 कोरोना पेशेंट को मिला बेड, 4262 होम आइसोलेट किए गए
गुड़गांव में लगातार एक्टिव केस बढ़ रहे हैं। अभी तक सबसे अधिक केस शुक्रवार का 704 मिले हैं, लेकिन शनिवार को राहत रही। शनिवार को 24 घंटे में 451 पेशेंट ठीक होकर घर लौट गए। लेकिन एक पेशेंट की दुखद मौत हो गई, जिससे अब तक मौत का आंकड़ा 225 हो गया। शनिवार को कुल 523 नए केस सामने आए। लेकिन चिंता की बात कि कोरोना के गंभीर पेशेंट बढ़ रहे हैं, लेकिन बड़े अस्पतालों में बैड खाली नहीं हैं।
सीएमओ डा. विरेन्द्र यादव का कहना है कि बैड की कमी नहीं है, लेकिन सभी को बड़े प्राइवेट अस्पतालों में एडमिट करना संभव नहीं है। मेड्योर, एसजीटी अस्पतालों में कोई एडमिट नहीं होना चाहता। इससे परेशानी बढ़ रही है। जिला प्रशासन ने पहले चार हजार बैड में से 25 फीसदी बैड कोविड पेशेंट के लिए आरक्षित किए थे, लेकिन बाद में इसे 45 फीसदी कर दिया गया है। ऐसे में अब 1800 बैड आरक्षित हैं।
जिले में कोरोना पेशेंट की संख्या बढ़कर 33778 हो गए हैं, जिनमें से 28920 पेशेंट ठीक होकर घर लौट चुके हैं। जबकि इनमें से 225 की मौत हो चुकी है। जबकि 4562 एक्टिव केस हैं। जिला में शुक्रवार तक 6 पेशेंट गंभीर हालत में एडमिट रहे, जिनमें से 3 वेंटीलेटर पर व तीन आक्सीजन के सहारे सांस ले रहे हैं।
अक्टूबर महीने में जहां पहले 15 दिन में 3876 केस मिले थे, वहीं नवंबर महीने के सात दिन में ही 3780 केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में अक्टूबर के मुकाबले नवंबर महीन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दोगुना हो गई है। जबकि अक्टूबर महीने के पहले सात दिन तक मात्र 8 पेशेंट की मौत हुई थी, जबकि नवंबर महीने के सात दिन में ही 13 पेशेंट दम तोड़ चुके हैं।
रिकवरी रेट घटकर 85 फीसदी हुआ
हरियाणा में जहां कोरोना पेशेंट का रिकवरी रेट 90 फीसदी से अधिक है, वहीं सबसे अधिक पेशेंट वाले गुड़गांव में रिकवरी रेट घटकर 85 फीसदी रह गया है। यही वजह है कि गुड़गांव में एक्टिव केस तेजी से बढ़ हैं। 31 अक्टूबर को 3522 एक्टिव केस थे, जबकि सात दिन में ही ये बढ़कर 4562 हो गए हैं। ऐसे में अस्पतालों में बैड की तेजी से डिमांड बढ़ गई है।
^कोरोना पेशेंट के लिए अस्पतालों बैड की कमी नहीं है। जिला में 1800 बैड तैयार किए गए हैं। लेकिन लोगों को बड़े अस्पतालों में बैड देना संभव नहीं है। अस्पतालों में 45 फीसदी बैड कोरोना पेशेंट के लिए रखे गए हैं। एसजीटी, मेड्योर अस्पतालों में बैड खाली हैं, लेकिन वहां एडमिट नहीं होना चाहते। -डाॅ. विरेन्द्र यादव, सीएमओ, गुड़गांव।
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