हिंदी साहित्य प्रेरक सम्मान समारोह जीवन जीने का तरीका आना चाहिए, नम्बर खेल से कुछ नहीं होता : मिड्ढा

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kamlesh bhartiya

हिसार: जीवन जीने का तरीका आना चाहिए , पढ़ाई के नम्बर खेल में कुछ नहीं रखा । यह कहना है जींद के विधायक डाॅ कृष्ण मिड्ढा का । वे आधारशिला स्कूल में आयोजित हिंदी साहित्य प्रेरक संस्था के सम्मान समारोह में अट्ठारह साहित्यकारों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि समाज को संस्कारित करने का काम साहित्यकारों का है और उन्हें अपनी लेखनी से यह प्रयास जारी रखना चाहिए । हालांकि इंटरनेट, मोबाइल और गूगल ने नयी पीढ़ी को साहित्य से दूर कर दिया है । जो हमने माता पिता से संस्कार लिए उन्हें नयी पीढ़ी को सौंपें ।
संस्था के अध्यक्ष नरेंद्र अत्री ने संस्था का परिचय देते बताया कि सन् 1961 से यह संस्था निरंतर कार्य कर रही है और संभवतः हरियाणा में ऐसी एकमात्र संस्था है जिसका हिंदी भवन भी है । कोरोना के कारण यह समारोह हिंदी भवन में न कर आधारशिला स्कूल के खुले प्रांगण में करवाया गया है । कार्यक्रम की अध्यक्षता चौ बंसीलाल विश्विद्यालय के हिंदी विद्वान डाॅ बाबू राम ने की । इस अवसर पर डाॅ मीना शर्मा व राजकुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि थे । सम्मानित होने वालों में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष व नभछोर के स्तम्भकार कमलेश भारतीय , नीलम त्रिखा, जितेंद्र नाथ , डाॅ तेजेंद्र , सुभाष अखिल , राजकमल , हरविंद्र राणा , अंजना गर्ग, ओमप्रकाश चौहान , बिश्वबंधु शर्मा , अनिता ढांडा , डाॅ मीना शर्मा , डाॅ सरिता , कुलदीप कुमार शामिल थे । हरविंद्र राणा ने बम्ब लहरी और म्हारा हरियाणा गीत प्रस्तुत की तो पुष्पलता आर्य और नीलम त्रिखा ने कविताएं सुनाईं ।
कार्यक्रम में केवल कृष्ण , राजबाला राज , हनीफ भट्टी , पवन आर्य , नीलम , रश्मि, रामफल खटकड़ व अन्य गणमान्य लोग व साहित्यकार मौजूद थे । छोटा से कार्यक्रम के बाद अतिथियों को मिट्टी के दीये भी उपहार में दिये गये ।

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