क्यों दिखना है वेकेशन पर करीना कपूर-आलिया भट्ट जैसा? युवा पीढ़ी पर परफेक्ट लुक का दबाव

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सोशल मीडिया का जादू

आजकल, जब भी हम सोशल मीडिया पर नजर डालते हैं, हमें हर दिशा में बॉलीवुड के सितारों की खूबसूरत वेकेशन तस्वीरें देखने को मिलती हैं। करीना कपूर, आलिया भट्ट, सारा अली खान और अनन्या पांडे जैसे नामी कलाकार अपने ट्रैवलिंग अनुभवों को साझा करते हैं, जिसमें वे स्विमिंग पूल के किनारे, समुद्र तट पर या खूबसूरत पहाड़ियों के बीच अद्भुत लुक में नजर आते हैं। यह सब देखकर क्या आपको कभी ऐसा नहीं लगता कि क्या हमें भी इस तरह परफेक्ट दिखना चाहिए? क्या ये वेकेशन तस्वीरें सिर्फ हमारी छुट्टियों का आनंद लेने का सही तरीका हैं, या ये एक तरह का शो ऑफ है?

क्यों दिखना है वेकेशन पर करीना कपूर-आलिया भट्ट जैसा? युवा पीढ़ी पर परफेक्ट लुक का दबाव
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परफेक्ट लुक का बढ़ता प्रेशर

हाल ही में न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित एक सर्वेक्षण ने यह स्पष्ट किया है कि आज की युवा पीढ़ी, विशेष रूप से जेन जेड, वेकेशन के दौरान परफेक्ट शेप में दिखने का दबाव महसूस करती है। सर्वे के अनुसार, 51% युवा मानते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया पर अपनी लुक्स के बारे में जज होने का डर है। वे फोटोज के लिए इतना दबाव महसूस कर रहे हैं कि वे अपनी फिटनेस रूटीन का पालन करने के लिए भी बाध्य हो रहे हैं।

जब युवाओं से पूछा गया कि वे ऐसा क्यों महसूस करते हैं, तो 52% ने इसके पीछे सोशल मीडिया का नाम लिया। यह बात इस पीढ़ी के लिए किसी न किसी तरह से उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रही है। इसके परिणामस्वरूप, वेकेशन के दौरान आनंद लेने के बजाय, वे अपनी तस्वीरों को परफेक्ट बनाने की कोशिश में जुटे रहते हैं।

महिलाएं और बॉडी इमेज

सर्वे में महिलाओं की स्थिति और भी चिंताजनक है। लगभग 39% महिलाएं अपनी बॉडी इमेज को लेकर असंतुष्ट महसूस करती हैं। यह नकारात्मक सोच न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। अगर महिलाएं अपनी बॉडी इमेज के बारे में नकारात्मक सोच रखती हैं, तो इसका सीधा असर उनके आत्मविश्वास पर पड़ता है।

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वेकेशन का असली मजा क्या है?

मनोचिकित्सक मुस्कान यादव के अनुसार, वेकेशन का असली मतलब होता है आराम करना और तनाव से दूर रहना। जब हम छुट्टियों पर जाते हैं, तो हमें अपनी मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए उन पलों का आनंद लेना चाहिए। लेकिन यदि हम हर पल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कोशिश करते हैं, तो यह हमारे वेकेशन के आनंद को बर्बाद कर सकता है।

सोशल मीडिया पर अपने परफेक्ट लुक को दिखाने का दबाव, कई युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की ओर ले जा सकता है। ये युवा अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों की तुलना में अपनी तस्वीरों को देखने में अधिक समय बिताते हैं, जिससे उनकी आत्म-esteem पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

शो ऑफ की आदत

आजकल, युवा अपने हर अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए अधिक उत्सुक रहते हैं। यह न केवल उनकी वेकेशन के लिए, बल्कि हर एक्टिविटी के लिए सही है। वेकेशन अब सिर्फ एक अनुभव नहीं रह गया है, बल्कि यह एक प्रदर्शन बन गया है। लोग अपनी यात्राओं की तस्वीरें साझा करते हैं ताकि वे अपनी जीवनशैली को दर्शा सकें।

सेलेब्स से तुलना करना

हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अभिनेताओं का प्रोफेशन उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्हें हर वक्त परफेक्ट दिखना पड़ता है। लेकिन आम लोग, जिन्हें पब्लिसिटी की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें अपने जीवन में ऐसे दबाव नहीं डालने चाहिए। उनके लिए वेकेशन का असली मजा अपने प्रियजनों के साथ बिताने में है, न कि सोशल मीडिया पर दिखने में।

परफेक्ट लुक की असलियत

मनोचिकित्सक मुस्कान यादव के अनुसार, परफेक्ट कोई नहीं होता। यह केवल एक शब्द है, जिसे हमें खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए। हर किसी में कुछ न कुछ कमी होती है, और यही तो हमें खास बनाता है। यदि आप अपने आप को सकारात्मक रूप से देखते हैं, तो आप निश्चित रूप से खूबसूरत बनेंगे।

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युवा पीढ़ी का शॉपिंग पर खर्च

अंत में, यह भी देखा गया है कि युवा अपनी छुट्टियों के लिए बहुत सारे कपड़े खरीदते हैं। 48% युवा वेकेशन से पहले शॉपिंग करते हैं। हालांकि, यह सही नहीं है कि एक छोटे समय के लिए बहुत सारे कपड़े खरीदे जाएं। सही चुनाव और कम सामान के साथ यात्रा करना अधिक समझदारी है।

इस पूरे विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया ने हमारी मानसिकता को प्रभावित किया है। हमें समझना चाहिए कि वेकेशन का असली मतलब अपने प्रियजनों के साथ आराम करना और खुश रहना है। हमें खुद को किसी भी प्रकार के परफेक्ट लुक के दबाव से मुक्त रखना चाहिए और अपने अनुभवों का आनंद लेना चाहिए। याद रखें, असली खुशियां उसी में हैं, जब हम अपने आप को स्वीकार करते हैं, न कि केवल दिखावे में।

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