नई दिल्ली: हर साल त्योहारों के दौरान भारतीय रेलवे की ट्रेनों में भीड़-भाड़ और यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जाती है। इस समय कई यात्रियों को सफर करते समय गंदे टॉयलेट की समस्या का सामना करना पड़ता है, विशेषकर मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में। यह समस्या अक्सर यात्रा के अनुभव को खराब कर देती है। हालांकि, इस बार भारतीय रेलवे ने त्योहारों के मौसम को देखते हुए सफाई के मामले में बड़ा फैसला लिया है। आइए जानते हैं इस फैसले के बारे में और यह कैसे यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा।
समस्या की पहचान
जब भी त्योहारों का मौसम आता है, रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है। इस भीड़ के बीच, मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में टॉयलेट की स्थिति बहुत खराब हो जाती है। जबकि वंदे भारत, राजधानी, और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सफाई का स्तर बेहतर होता है, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के टॉयलेट की साफ-सफाई अक्सर उपेक्षित रह जाती है।
विशेष रूप से त्योहारों के दौरान, यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण टॉयलेट तेजी से गंदे हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि टॉयलेट की सफाई केवल ट्रेन की शुरुआत से पहले की जाती है, लेकिन यात्रा के दौरान इसकी देखरेख नहीं होती। इससे यात्रियों को सफर के दौरान असुविधा का सामना करना पड़ता है।
रेलवे का नया अभियान
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेलवे ने एक स्वच्छता पखवाड़ा-2024 का आयोजन किया है, जो खासकर पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडलों पर लागू किया जा रहा है। रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने इस अभियान के बारे में जानकारी दी है। इस अभियान के तहत लंबी दूरी की ट्रेनों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि यात्रा के दौरान टॉयलेट की सफाई सुनिश्चित की जा सके।
अभियान के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों पर, ट्रेनों के टॉयलेट को नियमित रूप से साफ किया जाएगा। इससे यात्रियों को साफ-सुथरे टॉयलेट का उपयोग करने का मौका मिलेगा। यह कदम निश्चित रूप से यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
सफाई अभियान के लाभ
- स्वच्छता का स्तर बढ़ाना: इस अभियान के जरिए रेलवे का उद्देश्य ट्रेनों में सफाई के स्तर को सुधारना है। स्वच्छ टॉयलेट का उपयोग करना यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक होगा, जो खासकर लंबे सफर में बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- यात्री अनुभव में सुधार: जब यात्रियों को सफाई का ध्यान रखा जाता है, तो उनका अनुभव बेहतर होता है। इससे रेलवे के प्रति विश्वास भी बढ़ता है और यात्रियों की संख्या में इजाफा होता है।
- स्वास्थ्य सुरक्षा: गंदे टॉयलेट का उपयोग करने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस अभियान से स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे यात्रियों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
अभियान का विस्तार
अभियान का दायरा केवल पूर्वोत्तर जोन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अन्य जोनों में भी लागू किया जा रहा है। जैसे कि ऐशबाग, खलीलाबाद, बस्ती, गोडा, लखनऊ जं., मनकापुर, सीवान, प्रयागराज रामबाग, छपरा, भटनी, गाजीपुर सिटी, देवरिया सदर, मऊ, बनारस, वाराणसी सिटी, सलेमपुर, आजमगढ़, काठगोदाम, रुद्रपुर सिटी जैसे स्टेशनों पर सफाई की जा रही है।
यात्री की प्रतिक्रिया
इस सफाई अभियान का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। यात्रियों ने इस पहल की सराहना की है और इसे स्वागत योग्य कदम माना है। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें सफर के दौरान साफ-सुथरे टॉयलेट का उपयोग करने में बहुत खुशी मिली है।
भारतीय रेलवे का यह नया कदम त्योहारों के मौसम में यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अभियान से न केवल सफाई का स्तर बढ़ेगा, बल्कि यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जब तक रेलवे की इस स्वच्छता पहल का लाभ सभी यात्रियों को नहीं मिल जाता, तब तक सफर करना मुश्किल होता है। रेलवे के इस प्रयास से यह उम्मीद की जा सकती है कि त्योहारों के मौसम में यात्रा करना अब पहले से कहीं अधिक आरामदायक और सुरक्षित होगा।
आइए, हम सब मिलकर रेलवे के इस प्रयास का समर्थन करें और स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ें।