भारतीय सिनेमा के इतिहास में बहुत से ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत के बल पर इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। शक्ति कपूर उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने अपने किरदारों के दम पर हिंदी फिल्मों में खलनायक का एक नया आयाम स्थापित किया। लेकिन क्या आपको पता है कि वह फिल्मों में आने से पहले कपड़े सिलने का काम करने वाले थे? उनका जीवन एक ऐसे सफर की कहानी है, जिसने उन्हें दर्जी से बॉलीवुड के सबसे खूंखार विलेन तक पहुंचा दिया।
शक्ति कपूर का प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
शक्ति कपूर का असली नाम सुनील सुंदरलाल कपूर था। उनका जन्म एक मध्यमवर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा एक दर्जी बने, और वे उसे इस पेशे में डालने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। शक्ति कपूर के पिता का मानना था कि टेलरिंग एक स्थिर और सम्मानजनक पेशा है, जिसमें उनका बेटा अच्छा कर सकता है। लेकिन शक्ति कपूर का मन कुछ और ही चाहता था। उनका सपना था कि वह फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाएं और अभिनेता बनें।
यह सफर इतना आसान नहीं था। उनके परिवार ने कभी यह नहीं सोचा था कि उनका बेटा फिल्म इंडस्ट्री में जाएगा, और खासतौर पर खलनायक बनेगा। लेकिन शक्ति कपूर के भीतर एक जुनून था, जिसने उन्हें उनके परिवार की इच्छाओं के खिलाफ जाकर फिल्मी दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।
फिल्मों में पहला कदम और नाम बदलने की कहानी
शक्ति कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 1977 में फिल्म ‘खेल खिलाड़ी का’ से की थी। उस समय तक उन्हें उनके असली नाम से ही जाना जाता था – सुनील कपूर। लेकिन जब उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपनी जगह बनानी शुरू की, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनका नाम उनकी फिल्मों के किरदारों के अनुरूप नहीं है। फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिए उन्हें एक अलग और दमदार नाम की जरूरत थी, और तब उन्होंने अपना नाम बदलकर ‘शक्ति कपूर’ रख लिया। इस नए नाम के साथ ही उनकी फिल्मों में पहचान बनने लगी, और वे हिंदी सिनेमा के सबसे मशहूर खलनायकों में से एक बन गए।
मिथुन चक्रवर्ती के साथ पहली मुलाकात और पंगा
शक्ति कपूर का करियर शुरू होने से पहले ही उनका एक दिलचस्प किस्सा है, जो मिथुन चक्रवर्ती के साथ जुड़ा हुआ है। एक इंटरव्यू में शक्ति कपूर ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात मिथुन चक्रवर्ती से तब हुई थी जब वे एक एक्टिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग ले रहे थे। मिथुन चक्रवर्ती उस समय उनके सीनियर थे।
शक्ति कपूर ने अपनी पहली मुलाकात में मिथुन को बीयर ऑफर कर दी, जो उस समय उनके सीनियर्स को बहुत खराब लगा। यह बात वहां मौजूद अन्य सीनियर्स को पता चली और उन्होंने शक्ति कपूर को एक कमरे में खींचकर उनसे पूछताछ की कि उन्होंने इतनी हिम्मत कैसे दिखाई। इस घटना के बाद शक्ति कपूर को उनके बालों और उनके व्यवहार को लेकर भी मजाक बनाया गया। यह वाकया शक्ति कपूर के लिए एक बड़ी सीख थी, जिसने उन्हें यह समझाया कि इंडस्ट्री में सम्मान कैसे अर्जित किया जाता है।
नेगेटिव किरदारों से बनाई अलग पहचान
शक्ति कपूर का करियर शुरू होने के बाद उन्होंने धीरे-धीरे बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों के साथ काम करना शुरू किया। उनकी अभिनय प्रतिभा ने उन्हें शाहरुख खान, सलमान खान, अनिल कपूर, और कई अन्य सितारों के साथ बड़े पर्दे पर खड़ा कर दिया। लेकिन उनकी असली पहचान उनके द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदारों से बनी।
1980 और 90 के दशक में, शक्ति कपूर ने खलनायक के रूप में कई यादगार किरदार निभाए। चाहे वह फिल्म ‘कर्मा’ में डॉक्टर डैंग का किरदार हो, या ‘कुली नंबर 1’ में पप्पू पेजर, शक्ति कपूर ने हर किरदार को अपने अंदाज में निभाया और दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। उनके किरदार इतने प्रभावशाली होते थे कि दर्शक उन्हें असली जिंदगी में भी एक खलनायक के रूप में देखने लगते थे।
शक्ति कपूर की पारिवारिक जिंदगी और बेटी श्रद्धा कपूर की सफलता
शक्ति कपूर की निजी जिंदगी भी उतनी ही दिलचस्प है जितनी उनकी फिल्मी जिंदगी। उन्होंने जानी-मानी अभिनेत्री शिवांगी कोल्हापुरे से शादी की, जो मशहूर अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे की बहन हैं। शक्ति और शिवांगी के दो बच्चे हैं – सिद्धांत कपूर और श्रद्धा कपूर।
श्रद्धा कपूर ने 2010 में फिल्म ‘तीन पत्ती’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, और आज वह इंडस्ट्री की सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं। श्रद्धा ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं, जैसे ‘आशिकी 2’, ‘स्त्री’, और ‘बागी’ सीरीज। शक्ति कपूर अपनी बेटी की सफलता पर गर्व करते हैं, और अक्सर इंटरव्यू में उनके बारे में बात करते हुए भावुक हो जाते हैं।
शक्ति कपूर का करियर: चुनौतियों और संघर्षों का सामना
शक्ति का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्हें बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक ऐसे दौर में जब हीरो ही फिल्म का मुख्य आकर्षण हुआ करता था, शक्ति ने खलनायक के किरदारों के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई।
उन्होंने फिल्मों में कॉमिक और सीरियस, दोनों प्रकार के किरदार निभाए। ‘अंदाज अपना अपना’ में उनके द्वारा निभाया गया ‘क्राइम मास्टर गोगो’ का किरदार आज भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय है। यह उनका हास्यपूर्ण पक्ष था, जो उन्हें अन्य खलनायकों से अलग करता था।
शक्ति कपूर का सफर एक प्रेरणा
शक्ति की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने अपने परिवार की उम्मीदों के खिलाफ जाकर अपने सपनों को पूरा किया। उनका यह सफर हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी चुनौतियां क्यों न आएं, अगर आप में अपने सपनों को पूरा करने का जज्बा है, तो आप उन्हें जरूर हासिल कर सकते हैं।
आज शक्ति कपूर न केवल अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत संघर्षों और करियर के उतार-चढ़ाव के जरिए भी लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई है।