भारत के दुश्मनों की नई चुनौतियाँ: चीन की बूढ़ी आबादी और उसकी implications

0

भारत के सबसे बड़े दुश्मनों में चीन और पाकिस्तान का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों में इन दोनों देशों की स्थिति में काफी बदलाव आया है। पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जबकि चीन की स्थिति भी चिंताजनक है। रिपोर्टों के अनुसार, चीन की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा, जो लगभग 30 करोड़ है, अब बूढ़ा हो चुका है। आने वाले वर्षों में, यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है, जिससे देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

चीन की जनसंख्या की संरचना

चीन की जनसंख्या में वृद्धों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनती जा रही है। अनुमान लगाया गया है कि 2035 तक 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या 40 करोड़ और 2050 तक 50 करोड़ हो जाएगी। यह स्थिति चीन की सामाजिक संरचना को पूरी तरह से बदल सकती है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में लगभग आधी जनसंख्या ‘लाठी के सहारे’ चलने की स्थिति में हो सकती है। ऐसे में, जंग की बात तो दूर, चीन की सेना की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

भारत
https://thenationtimes.in/wp-content/uploads/2024/10/image-754.png

बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी

चीन में बुजुर्गों का जीवन सरकार की दया पर निर्भर होता है। उनकी देखभाल, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य आवश्यकताओं का जिम्मा सरकार पर है। लेकिन, अब बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ, पेंशन का खर्च भी बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में, चीन का पेंशन फंड समाप्ति के कगार पर है। ऐसे में, सरकार के लिए यह चुनौती है कि वह बुजुर्गों के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति कैसे करें।

चीन की नीतियाँ और प्रतिक्रिया

चीन ने इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ उपाय किए हैं। हाल ही में, चीन ने पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 63 साल और महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र 55 से बढ़ाकर 58 साल कर दी है। यह कदम कामकाजी लोगों के बीच असंतोष पैदा कर रहा है। इसके साथ ही, सरकार ने जनसंख्या वृद्धि के लिए ‘तीन बच्चे’ नीति को लागू किया है, जिससे कपल तीन बच्चे पैदा कर सकें। हालांकि, इसके बावजूद जन्म दर में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।

image 753

विशेषज्ञों की चिंता

बीजिंग स्थित युआ पॉपुलेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक हुआंग वेनझेंग ने कहा है कि यह एक खतरनाक स्थिति है। अगर जनसंख्या वृद्धि दर में सुधार नहीं हुआ, तो चीन की आर्थिक स्थिति और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। एक वृद्ध जनसंख्या का सामना करने के लिए देश को युवा श्रमिकों की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि कामकाजी आबादी बूढ़ी हो जाएगी, तो सेना की स्थिति भी कमजोर हो सकती है।

भारत के लिए संभावित अवसर

इस नई स्थिति के बीच, भारत के लिए यह एक अवसर हो सकता है। यदि चीन अपने बूढ़े होते जनसंख्या संकट का समाधान नहीं कर पाता, तो भारत को अपनी सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का अवसर मिल सकता है। भारत को चाहिए कि वह अपने संसाधनों का उपयोग करके एक मजबूत युवा शक्ति तैयार करे और तकनीकी एवं आर्थिक विकास को प्राथमिकता दे।

image 752

एक नज़र चीन की भविष्यवाणी पर

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में बुजुर्गों की देखभाल पर ध्यान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार को हर संभव मदद करनी चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चीन अपनी बूढ़ी आबादी के संकट को प्रभावी ढंग से संभाल पाता है या नहीं। यदि यह स्थिति बिगड़ती है, तो भारत को अपनी स्थिति को मजबूत करने का सुनहरा मौका मिलेगा।

भारत और चीन के बीच की जंग अब केवल भू-राजनीतिक नहीं रह गई है; यह एक जनसंख्या और सामाजिक व्यवस्था की जंग भी बनती जा रही है। भारत को चाहिए कि वह इस अवसर को भुनाए और अपनी युवा शक्ति को बढ़ावा दे। चीन की समस्या भारत के लिए न केवल एक सुरक्षा चुनौती, बल्कि विकास का एक नया अवसर भी हो सकती है। अगर भारत इस स्थिति का सही ढंग से उपयोग करता है, तो यह न केवल अपनी सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी कर सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here