अनीस बज्मी और ‘वेलकम’: नेगेटिव रिस्पॉन्स से अस्पताल तक का सफर, और फिर कल्ट क्लासिक की कहानी

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साल 2007 में बॉलीवुड ने एक ऐसी फिल्म देखी जो आगे चलकर कॉमेडी का एक नया मापदंड बन गई। ये फिल्म थी वेलकम, जो आज भी लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए है। अक्षय कुमार, अनिल कपूर, नाना पाटेकर, परेश रावल, कैटरीना कैफ, और मल्लिका शेरावत जैसे बड़े सितारों से सजी इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि इसकी डायलॉग्स और सिचुएशन कॉमेडी आज भी लोगों की जुबान पर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की रिलीज से पहले, इसके डायरेक्टर अनीस बज्मी को इतना नेगेटिव रिस्पॉन्स मिला था कि वे अस्पताल में भर्ती हो गए थे?

अनीस बज्मी, जिन्होंने वेलकम, नो एंट्री, और सिंह इज किंग जैसी सुपरहिट कॉमेडी फिल्में बनाई हैं, अपने करियर में एक ऐसा पल देख चुके हैं जब उन्हें लगा कि उनकी बनाई फिल्म शायद दर्शकों को पसंद नहीं आएगी। वेलकम के ट्रायल रन के दौरान किसी ने भी फिल्म को लेकर पॉजिटिव रिएक्शन नहीं दिया, जिससे अनीस बज्मी के लिए यह स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। लेकिन, किस्मत ने तब करवट बदली जब फिल्म रिलीज हुई, और उसे दर्शकों ने हाथोंहाथ लिया।

शुरुआत में मिला नेगेटिव रिस्पॉन्स

अनीस बज्मी ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि जब वेलकम का ट्रायल रन हुआ था, तो दर्शकों की प्रतिक्रिया बेहद निराशाजनक थी। उन्होंने कहा, “लोगों ने कहा कि यह फिल्म बिल्कुल भी कॉमेडी नहीं है।” यह सुनकर अनीस को बहुत धक्का लगा, क्योंकि उन्होंने पूरी फिल्म इसी सोच के साथ बनाई थी कि यह दर्शकों को खूब हंसाएगी। उन्हें ऐसा लगा कि शायद उन्होंने फिल्म में कहीं न कहीं गलती की है, और इस वजह से वह तनाव में आ गए।

इस नेगेटिव रिस्पॉन्स के चलते अनीस बज्मी इतना निराश हो गए थे कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। कई दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद, उन्हें यह समझ में आया कि वह अपनी कला पर भरोसा करें और जो भी बनाया है, उस पर विश्वास रखें।

वेलकम
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कॉमेडी में शॉर्टकट नहीं अपनाए

अनीस बज्मी की खासियत यह है कि उन्होंने अपनी फिल्मों में हमेशा साफ-सुथरी और प्रभावशाली कॉमेडी का इस्तेमाल किया है। वेलकम के संदर्भ में भी उन्होंने कहा कि वह कभी भी डबल मीनिंग संवादों या ओवर-द-टॉप कॉमेडी का इस्तेमाल नहीं करते। उन्होंने सिचुएशनल कॉमेडी में यकीन रखा और यही वजह है कि उनकी फिल्में अलग ढंग की कॉमेडी पेश करती हैं।

अनीस बज्मी ने बताया, “यह एकमात्र कॉमेडी है जिसे मैं बनाना जानता हूं। मैं इसमें तमाशा या डबल मीनिंग बातें नहीं डाल सकता। ये शॉर्टकट होते हैं और मैं उनमें यकीन नहीं करता। मैं सिचुएशनल कॉमेडी लिखने और उसे प्रस्तुत करने में यकीन रखता हूं।”

लेकिन यह सोचते हुए कि उनके द्वारा बनाई गई कॉमेडी फिल्म दर्शकों को नहीं भा रही, वह अपने काम को लेकर कन्फ्यूज हो गए थे। कई बार, जब पूरी दुनिया आपके काम को नकार देती है, तो आप खुद पर भी शक करने लगते हैं। यही हाल अनीस बज्मी का भी हुआ था।

रिलीज के बाद सफलता का दौर

जब वेलकम आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हुई, तो जिस तरह से फिल्म को रिस्पॉन्स मिला, उसने अनीस बज्मी की सोच को एक बार फिर बदल दिया। जिन दर्शकों ने ट्रायल रन के दौरान फिल्म को नकार दिया था, वही अब इस फिल्म को एक कल्ट क्लासिक के रूप में सराह रहे थे। वेलकम न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई, बल्कि यह फिल्म सालों तक बॉलीवुड की यादगार कॉमेडी फिल्मों में शुमार हो गई।

अनीस बज्मी के लिए यह एक बड़ा सबक था। उन्होंने कहा, “जब फिल्म रिलीज़ हुई, तो लोगों ने इसे कल्ट कहा। आज, रिलीज के 16-17 साल बाद भी लोग इसे रिलेवेंट कहते हैं और इस पर मीम्स बनाते हैं।” सोशल मीडिया पर वेलकम से जुड़े डायलॉग्स और किरदार आज भी वायरल होते रहते हैं, और यह साबित करता है कि फिल्म ने अपनी एक स्थायी पहचान बना ली है।

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फिल्म का ट्रायल रन और असफल हंसी

वेलकम के ट्रायल रन में जो हुआ, वह अनीस बज्मी के लिए बेहद चौंकाने वाला था। उन्होंने बताया, “पूरे ट्रायल रन में थिएटर में एक भी आदमी नहीं हंसा।” वह इस स्थिति से बहुत निराश थे, क्योंकि उन्होंने अपने पूरे दिल और मेहनत से एक फिल्म बनाई थी, जो उनकी नजर में एक मजेदार और मनोरंजक कॉमेडी थी। लेकिन जब दर्शक हंस ही नहीं रहे थे, तो वह सोचने लगे कि शायद फिल्म में कुछ कमी रह गई है।

अनीस बज्मी ने इस बात को स्वीकार किया कि उस समय वह खुद पर सवाल करने लगे थे। “मैं कन्फ्यूज हो गया था और सोचने लगा था कि शायद मैंने कुछ गलत किया है। हमारे समाज में, लोग यह मानते हैं कि अगर पूरी दुनिया कुछ कह रही है, तो उसे सच मान लेना चाहिए।”

‘वेलकम’ का कल्ट स्टेटस

वक्त के साथ वेलकम ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि यह फिल्म दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बना गई। फिल्म में अक्षय कुमार और परेश रावल की जुगलबंदी, अनिल कपूर और नाना पाटेकर के किरदार, और फिरोज खान के ‘र’ अक्षर वाले डायलॉग्स आज भी दर्शकों को गुदगुदाते हैं। इन सभी किरदारों ने मिलकर इस फिल्म को एक कॉमेडी क्लासिक बना दिया, जिसे बार-बार देखा जा सकता है।

अनीस बज्मी ने कहा, “लोग आज भी वेलकम को कल्ट मानते हैं, और इस पर मीम्स बनाते हैं। इसका मतलब है कि हमने कुछ सही किया था।” फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके सीक्वल की मांग भी जोरदार रही, और वेलकम 2 भी दर्शकों के बीच खूब पसंद की गई।

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अनीस बज्मी की सीख और प्रेरणा

अनीस बज्मी की यह कहानी हमें सिखाती है कि सफलता का सफर कभी-कभी बेहद कठिन और उलझनों से भरा होता है। जिस फिल्म को उन्होंने दिल से बनाया था, उसे पहले तो नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपने ऊपर विश्वास बनाए रखा और परिणामस्वरूप, वही फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई।

इस कहानी से यह भी पता चलता है कि एक फिल्म निर्माता या कलाकार को हमेशा अपने काम पर भरोसा करना चाहिए, चाहे शुरुआती रिएक्शन कितने भी नेगेटिव क्यों न हों। अनीस बज्मी ने अपने करियर में यह दिखा दिया कि असफलता से घबराकर पीछे हटने के बजाय, उस पर डटे रहना ही असली जीत है।

वेलकम जैसी फिल्में सिर्फ एक एंटरटेनमेंट नहीं होतीं, बल्कि यह दर्शाती हैं कि मेहनत और विश्वास के साथ आप बड़े से बड़े सपने को साकार कर सकते हैं।

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