एक साधारण शुरुआत
निर्मित पारेख की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की चाह रखते हैं। मुंबई के एक साधारण परिवार में जन्मे निर्मित ने बचपन से ही टेक्नोलॉजी में गहरी रुचि विकसित की। उनकी काबिलियत की झलक उन्होंने महज 7 साल की उम्र में एक डिजिटल घड़ी बनाकर दिखाई। यह उस समय की बात है जब अधिकांश बच्चे खेलने में व्यस्त होते हैं, लेकिन निर्मित ने अपनी तकनीकी समझ से सभी को चौंका दिया।
युवा प्रतिभा का उदय
13 साल की उम्र में, निर्मित ने रोबोटिक्स प्रोग्रामिंग में महारत हासिल की, जो यह दर्शाता है कि उनके भीतर कितनी प्रतिभा और समर्पण था। इसके बाद, उन्होंने गुजरात के निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.टेक किया। इस दौरान, उनकी दृष्टि ने उन्हें एक नई दिशा दी, जिससे वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुए।
पहले असफलता का सामना
21 साल की उम्र से पहले, निर्मित ने बाढ़ प्रबंधन के समाधान तैयार करने वाली कंपनी ‘इनकोन टेक्नोलोजीज’ की स्थापना की। हालांकि, यह कंपनी सफल नहीं हो पाई और अंततः बंद हो गई। लेकिन यहां पर एक महत्वपूर्ण सबक यह है कि असफलता को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के रास्ते में एक बाधा के रूप में नहीं देखना चाहिए।
सफलता की ओर कदम
इनकोन के बाद, निर्मित ने Cruxbox नामक एक और स्टार्टअप शुरू किया, जो काफी सफल रहा। इस स्टार्टअप को अंततः इंटेल को बेच दिया गया, जिससे निर्मित को एक नया अनुभव और सीखने का मौका मिला। इंटेल में डेटा एनालिटिक्स के डायरेक्टर के रूप में काम करते हुए, उन्होंने अपने ज्ञान और कौशल को और बढ़ाया।
शिक्षा का महत्व
निर्मित ने इस दौरान स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA भी किया। यह न केवल उनके लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक अनुभव था, बल्कि इससे उन्हें अपने नेटवर्क को बढ़ाने और विचारों का आदान-प्रदान करने का भी अवसर मिला। एक ठोस शिक्षा ने उन्हें अपने स्टार्टअप्स में बेहतर निर्णय लेने में मदद की।
ऐपल की नौकरी और बड़ा कदम
निर्मित ने ऐपल में जॉब करने का निर्णय लिया। यह नौकरी उनके लिए एक शानदार अवसर थी, लेकिन उन्होंने इसके बाद एक साहसी कदम उठाया। अपने स्टार्टअप की ओर वापस लौटने का निर्णय लेते हुए, उन्होंने अपनी सुरक्षित नौकरी छोड़ दी। इस निर्णय को लेकर बहुत से लोगों ने उन्हें आत्मघाती बताया, लेकिन निर्मित ने अपने जुनून और मेहनत के बल पर साबित कर दिया कि उनके पास एक विजन है।
‘अपना’ का जन्म
निर्मित ने ब्लू-कॉलर वर्कर्स और नियोक्ताओं के बीच की खाई को पाटने के लिए ‘अपना’ प्लेटफॉर्म की स्थापना की। यह प्लेटफॉर्म कोरोना महामारी से पहले शुरू हुआ और केवल 22 महीनों में ही भारत का सबसे युवा यूनिकॉर्न बन गया।
बढ़ती लोकप्रियता
‘अपना’ की वैल्यू आज 9,000 करोड़ रुपये से भी अधिक है। इस प्लेटफॉर्म पर 1,50,000 से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत हैं, जिनमें अनअकैडमी, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, और बिगबास्केट जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। यह प्लेटफॉर्म न केवल एक व्यवसायिक उपक्रम है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्लू-कॉलर वर्कर्स के लिए एक नई पहचान बना रहा है।
एक प्रेरणा स्रोत
निर्मित पारेख की कहानी हमें यह सिखाती है कि असफलता से डरना नहीं चाहिए। असल में, असफलता हमारे लिए सीखने का एक अवसर है। उनका सफर यह दर्शाता है कि यदि आपके पास एक मजबूत दृष्टि है और आप मेहनत करने के लिए तैयार हैं, तो कुछ भी संभव है।
सीखने का संदेश
निर्मित की यात्रा यह बताती है कि सपने देखना और उन्हें साकार करने के लिए कदम उठाना कितना महत्वपूर्ण है। जब वे अपनी नौकरी छोड़कर अपने स्टार्टअप की ओर बढ़े, तो उन्होंने यह साबित किया कि जोखिम लेना भी आवश्यक है।
निर्मित पारेख और उनका ‘अपना’ स्टार्टअप सिर्फ एक व्यापारिक सफलता नहीं है, बल्कि यह सभी युवा उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि यदि हम अपने सपनों के प्रति गंभीर हैं और उनमें विश्वास रखते हैं, तो हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
आज, निर्मित पारेख का नाम भारतीय स्टार्टअप जगत में चमकता है। उनकी मेहनत, साहस, और दूरदृष्टि ने उन्हें एक ऐसे मुकाम पर पहुंचाया है, जहां वे न केवल खुद को, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं। उनके लिए आगे का सफर और भी रोमांचक होगा, और हम सभी को उनके अगले कदमों का इंतजार रहेगा।
सफलताओं की कहानी: निर्मित पारेख और उनका यूनिकॉर्न ‘अपना’http://सफलताओं की कहानी: निर्मित पारेख और उनका यूनिकॉर्न ‘अपना’