भारत में मंकी पॉक्स का जानलेवा स्ट्रेन: जानें क्या है यह बीमारी और इसके लक्षण

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हाल ही में भारत में मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) के नए जानलेवा स्ट्रेन का पता चला है, जिसने स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके प्रसार को रोकने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। आइए इस बीमारी की गहराई से समझें, इसके फैलने के तरीके, लक्षण और सावधानियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

मंकी पॉक्स क्या है?

मंकी पॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन का सदस्य है और यह मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह बीमारी पहले मुख्यतः अफ्रीका के कुछ देशों में पाई जाती थी, लेकिन हाल के समय में अन्य देशों में भी इसके मामलों की संख्या बढ़ी है।

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नए स्ट्रेन का खतरा

भारत में हाल ही में पुष्टि हुए मंकी पॉक्स के मामलों में ‘क्लेड 1बी’ स्ट्रेन की पहचान हुई है। यह स्ट्रेन अब तक केवल कांगो, स्वीडन और थाईलैंड में पाया गया था और इसे अत्यधिक घातक माना जाता है। इस स्ट्रेन से संक्रमित होने वाले लोगों में से लगभग 10% की मौत हो जाती है, जबकि दूसरे स्ट्रेन ‘क्लेड-2’ में यह आंकड़ा काफी कम है।

बीमारी कैसे फैलती है?

एमपॉक्स एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से इंसानों में और इंसानों से जानवरों में फैल सकती है। इसे विभिन्न तरीकों से फैलने की क्षमता होती है:

  1. संक्रामक संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से।
  2. दूषित सामग्री: संक्रमित व्यक्ति या जानवर की सतहों या वस्तुओं को छूने से।
  3. संक्रमित जानवर: संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से, जैसे कि उनके खून, बलगम या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ।
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मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स के लक्षण अन्य सामान्य बीमारियों के समान हो सकते हैं, लेकिन कुछ खास लक्षण इस बीमारी की पहचान में सहायक होते हैं:

  • सिर दर्द और बुखार: शुरुआत में आम लक्षण।
  • मांसपेशियों में दर्द: यह अक्सर खिंचाव या थकावट की अनुभूति पैदा करता है।
  • ठंड लगना और थकावट: यह मरीज को कमज़ोर महसूस करवा सकता है।
  • पेट में दर्द: पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • गले में सूजन: यह एक सामान्य फ्लू के लक्षण की तरह होता है।
  • त्वचा पर चकत्ते: ये चकत्ते शरीर पर फफोले के रूप में प्रकट होते हैं, विशेषकर गुप्तांगों पर।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन

मंकी पॉक्स के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

  1. संदिग्ध मरीजों की जांच: सभी संदिग्ध मामलों के लिए तुरंत जांच की जाएगी और परिणाम पॉजिटिव आने पर सैंपल को विशेषज्ञ लैब में भेजा जाएगा।
  2. पीसीआर किट का उपयोग: वायरस का तुरंत पता लगाने के लिए अधिक से अधिक पीसीआर किट का उपयोग किया जाएगा।
  3. लक्षणात्मक उपचार: वर्तमान में मंकी पॉक्स का कोई विशेष इलाज नहीं है, इसलिए लक्षणों का इलाज किया जाएगा।
  4. आइसोलेशन सुविधाएं: संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों के लिए उचित आइसोलेशन सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
  5. जागरूकता बढ़ाना: लोगों को मंकी पॉक्स के लक्षण, रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूक करने के लिए अभियानों का संचालन किया जाएगा।
मंकी पॉक्स
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सुरक्षा उपाय और सावधानियां

  1. संदिग्ध मरीजों को तुरंत आइसोलेट करें: किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत पहचान करें और उसे आइसोलेट करें।
  2. स्वच्छता बनाए रखें: हाथ धोना और स्वच्छता का पालन करना बहुत आवश्यक है।
  3. संक्रमित वस्तुओं से दूर रहें: संक्रमित व्यक्ति या जानवर से दूरी बनाए रखें।
  4. जागरूकता अभियान में भाग लें: स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आयोजित जागरूकता अभियानों में भाग लें।

मंकी पॉक्स एक गंभीर बीमारी है जो तेजी से फैल सकती है। इसके नए स्ट्रेन की पहचान ने स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं। हालांकि, अगर हम सभी सावधानियां बरतें और समय पर उचित कदम उठाएं, तो हम इस बीमारी के प्रसार को रोक सकते हैं। जागरूकता और सतर्कता ही इस चुनौती का सामना करने के लिए हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

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