Dengue : इस साल बढ़ते मामलों की वजहें और लक्षणों की पहचान

0

भारत में Dengue का कहर: एक नजर

इस साल भारत में Dengue के मामलों में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत तक देश में 32,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें 32 लोगों की जान गई है। विशेषकर दिल्ली में, डेंगू के मरीजों की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि हुई है। इस लेख में हम जानेंगे कि डेंगू क्या है, इसके बढ़ने की वजहें, लक्षण, और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

Dengue 
https://thenationtimes.in/wp-content/uploads/2024/09/image-358.png

Dengue क्या है?

डेंगू एक वायरल बुखार है, जिसे आमतौर पर ‘ट्रॉपिकल फ्लू’ या ‘हाड़तोड़ बुखार’ कहा जाता है। यह आमतौर पर मानसून के मौसम में फैलता है और इसके चार अलग-अलग सीरोटाइप होते हैं: DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4।

डेंगू कैसे फैलता है?

डेंगू का संक्रमण एडीज मच्छरों, खासकर मादा मच्छरों द्वारा फैलता है। ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय सक्रिय होते हैं और घुटने से नीचे के भागों पर काटते हैं।

इस साल Dengue के मामले बढ़ने की वजहें

डॉ. राकेश पंडित के अनुसार, इस साल मानसून का सीजन लंबा खिंच गया है और बारिश भी अधिक हुई है। इससे मच्छरों के बढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण बना है। इसके अलावा, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन भी इसके मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।

image 359

शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन

शहरी क्षेत्रों में घनी बस्तियों और जल निकासी की कमी ने मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श परिस्थितियाँ तैयार की हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव ने भी इन मच्छरों की गतिविधियों को प्रभावित किया है।

Dengue के लक्षण

डेंगू के लक्षण सामान्य बुखार के समान होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, थकान, और मांसपेशियों में दर्द दिखाई देता है।

सामान्य बुखार और डेंगू में अंतर

डेंगू में आम बुखार की तुलना में उच्च ग्रेड का बुखार होता है, जो 103-104 डिग्री तक जा सकता है। इसके अलावा, कई मामलों में उल्टी और आँखों के पीछे दर्द भी हो सकता है।

कब चिंता करें: रेड फ्लैग्स

डेंगू के मरीजों को निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान देना चाहिए:

  • पेट में दर्द या सूजन
  • खाने का मन न करना
  • मूर्छा आने का एहसास
  • पैरों में सूजन
  • सांस लेने में कठिनाई

यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

प्लेटलेट काउंट की निगरानी

डेंगू के मरीजों में सामान्यत: प्लेटलेट काउंट डेढ़ से दो लाख के बीच होना चाहिए। यदि प्लेटलेट काउंट डेढ़ लाख से कम हो जाता है, तो इसकी निगरानी जरूरी है। गिरते प्लेटलेट काउंट के मामले में डॉक्टर की देखरेख या अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो सकता है।

प्लेटलेट टेस्ट कब कराना चाहिए?

अगर प्लेटलेट काउंट 1 लाख से कम है, तो रोजाना टेस्ट करवाना चाहिए। यदि प्लेटलेट लगातार गिर रहा है, तो भी यह जरूरी है कि आप हर दिन टेस्ट करवाएं।

Dengue में खान-पान

डेंगू के मरीजों को पर्याप्त लिक्विड लेना चाहिए। पानी, जूस, ORS, नींबू पानी, और नारियल पानी पीने की सलाह दी जाती है।

क्या बकरी का दूध या पपीते का पत्ता फायदेमंद है?

बकरी के दूध और पपीते के पत्ते को प्लेटलेट बढ़ाने के लिए उपयोगी माना जाता है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। यह उल्टी और पानी की कमी जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है।

image 361

कब करना चाहिए अस्पताल में भर्ती

डेंगू के मरीजों को निम्नलिखित स्थितियों में अस्पताल में भर्ती होना चाहिए:

  • लगातार उच्च ग्रेड बुखार
  • बेहोशी जैसी स्थिति
  • प्लेटलेट का लगातार गिरना
  • 1 लाख से कम प्लेटलेट काउंट
  • फ्लूइड लॉस होना

Dengue की वैक्सीन

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेंगू की दो वैक्सीन उपलब्ध हैं: Dengvaxia और QDenga। हालाँकि, भारत में इनका अभी तक अनुमोदन नहीं हुआ है, और देश में डेंगू वैक्सीन पर शोध जारी है।

डेंगू का बढ़ता प्रकोप चिंता का विषय है, और इससे बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। समय पर लक्षणों की पहचान, प्लेटलेट काउंट की निगरानी, और डॉक्टर से सलाह लेना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह का पालन करें और मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here