Imran khan को जेल से रिहाई: फर्जी निकाह केस में इस्लामाबाद कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

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एक साल बाद जेल से रिहा होंगे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री Imran khan

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री Imran khan के जेल से बाहर आने की खबर ने देश और दुनियाभर में चर्चा का विषय बना दिया है। इस्लामाबाद की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फर्जी निकाह (इद्दत) मामले में Imran khan को बरी कर दिया है, जिससे उनके जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले उन्हें तोशाखाना केस और साइफर मामले में भी बरी किया जा चुका है।

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इस्लामाबाद कोर्ट का फैसला

शनिवार को इस्लामाबाद की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आदेश जारी किया कि अगर Imran khan और उनकी पत्नी बुशरा बीबी किसी अन्य मामले में वॉन्टेड नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाए। कोर्ट के इस फैसले के बाद Imran khan की पार्टी PTI के चेयरमैन गौहर खान ने इसे देश की जीत बताया है। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात अदियाला जेल में इमरान खान से हुई और खान इस फैसले से काफी खुश हैं।

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फर्जी निकाह (इद्दत) मामला क्या है?

फर्जी निकाह का मामला बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फरीद मनेका ने दर्ज कराया था। मनेका ने आरोप लगाया था कि बुशरा बीबी और Imran khan ने इद्दत की अवधि के दौरान शादी का अनुबंध किया था, जो इस्लामिक कानून के अनुसार अवैध है। इस मामले में 3 फरवरी को इमरान खान और बुशरा बीबी को दोषी ठहराया गया था और दोनों को 7 साल की जेल और 5 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

Imran khan की रिहाई का राजनीतिक प्रभाव

Imran khan की रिहाई का पाकिस्तान की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है। PTI पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता इस फैसले से खुश हैं और इसे Imran khan की बेगुनाही की पुष्टि मानते हैं। इसके अलावा, यह फैसला Imran khan की राजनीतिक स्थिति को और मजबूत कर सकता है और आगामी चुनावों में उनकी पार्टी के लिए फायदा पहुंचा सकता है।

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तोशाखाना और साइफर केस में बरी

इससे पहले, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान को सबूतों के अभाव में तोशाखाना और साइफर मामले में बरी कर दिया था। तोशाखाना मामले में उन पर सरकारी उपहारों का दुरुपयोग करने का आरोप था, जबकि साइफर केस में उन पर सीक्रेट लेटर चोरी करने का आरोप था। इन दोनों मामलों में बरी होने के बाद Imran khan को फर्जी निकाह मामले में भी बरी किया गया है।

इद्दत की अवधारणा

इद्दत एक इस्लामिक अवधारणा है जिसमें एक महिला को तलाक या पति की मृत्यु के बाद एक निश्चित अवधि तक पुनर्विवाह करने से रोका जाता है। यह अवधि तीन महीने या गर्भवती होने पर बच्चे के जन्म तक होती है। इस अवधि के दौरान पुनर्विवाह करना इस्लामिक कानून के तहत अवैध माना जाता है।

Imran khan और बुशरा बीबी की प्रतिक्रिया

Imran khan और उनकी पत्नी बुशरा बीबी इस फैसले से काफी खुश हैं। इमरान खान ने कहा कि यह न्याय की जीत है और उन्होंने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया जिन्होंने उनके साथ खड़े रहे। बुशरा बीबी ने भी इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है।

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PTI पार्टी की प्रतिक्रिया

PTI पार्टी के चेयरमैन गौहर खान ने इस्लामाबाद कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और इसे देश की जीत बताया। उन्होंने कहा कि Imran khan ने हमेशा सच्चाई के लिए लड़ाई लड़ी है और यह फैसला उनके संघर्ष की जीत है। उन्होंने पार्टी के समर्थकों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और न्याय की इस जीत का जश्न मनाएं।

Imran khan की रिहाई का यह फैसला पाकिस्तान की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यह फैसला Imran khan की राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकता है और उनके समर्थकों को नया उत्साह दे सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इमरान खान और उनकी पार्टी PTI इस फैसले का कैसे लाभ उठाते हैं और पाकिस्तान की राजनीति में क्या बदलाव आते हैं।

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