North Korea Balloons: उत्तर कोरिया अब पर्चे भरकर गुबारों में भेजता है, दक्षिण कोरिया ने कचरे वाले गुबारों को लेकर चेतावनी दी
शनिवार को उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को फिर से कचरा भरे गुब्बारे भेजे हैं। सियोल की सेना ने कहा कि दक्षिण कोरिया में प्योंगयांग विरोधी कार्यकर्ताओं ने सीमा पार किम जोंग उन के खिलाफ पर्चे वाले गुब्बारे उड़ाए हैं। दक्षिण कोरिया ने कहा कि गुब्बारों पर एक बार फिर से जवाबी कार्रवाई के लिए हमला तेज हो गया है, इसलिए हम सतर्क हैं।
नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया में एक बहुत पुराना विवाद है। दोनों देशों ने पहले मिसाइलों से एक दूसरे पर हमला किया था, लेकिन अब एक दूसरे पर कचरे से भरे गुब्बारों से जवाब दिया जा रहा है। शनिवार को उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को फिर से कचरा भरे गुब्बारे भेजे हैं। यह महीने की शुरुआत में पता चला कि नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर लगातार सैकड़ों कचरे से भरे गुब्बारे भेजे हैं।
सियोल की सेना ने कहा कि दक्षिण कोरिया में प्योंगयांग विरोधी कार्यकर्ताओं ने सीमा पार किम जोंग उन के खिलाफ पर्चे वाले गुब्बारे उड़ाए हैं। सियोल की सेना ने कुछ घंटों पहले कहा था कि वह उत्तर कोरिया से एक नए गंभीर हमले से सावधान है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि गुब्बारों पर एक बार फिर से जवाबी कार्रवाई के लिए हमला तेज हो गया है, इसलिए हम सतर्क हैं।
संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर दक्षिण की ओर कचरा ले जाने वाले (संदेहपूर्ण) बम उड़ा रहा है। उनका सुझाव था कि किसी भी गुब्बारे की जानकारी अधिकारियों को देने से बचें और उन्हें छूने से बचें।
दक्षिण कोरिया लेगा बदला
दक्षिण कोरिया अब एक अलग तरह से बदला लेगा। अब उत्तर कोरिया से सटे बॉर्डर पर साउथ कोरिया ने लाउड स्पीकर लगाकर पड़ोसी देश को बदनाम करने का काम करेगा। दक्षिण कोरिया के इस निर्णय से दोनों देशों की स्थिति और खराब हो सकती है। 2015 में इससे पहले दक्षिण कोरिया ने ऐसा किया था, जिसके जवाब में उत्तर कोरिया ने गोले दागे थे। दक्षिण कोरिया ने भी ऐसा ही किया था। लेकिन कोई नहीं मर गया था। दोनों देशों के बीच स्थिति फिर से खराब हो रही है।
सुरक्षितता और पर्यावरण:
दक्षिण कोरियाई पर्यावरण संगठनों ने इन गुबारों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर भी चिंता व्यक्त की है। गुबारों में प्लास्टिक और अन्य सामग्री पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पर्चों में छपे संदेश भी दक्षिण कोरियाई लोगों को अस्थिर कर सकते हैं।
भविष्य की दिशा : दक्षिण कोरिया ने विश्व समुदाय से कहा है कि वह उत्तर कोरिया पर दबाव डाले कि वह ऐसी गतिविधियों को रोक दे। दोनों देशों के बीच बढ़ती तनातनी को देखते हुए, बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
उत्तर कोरिया से गुब्बारों से भेजे जा रहे पर्चों ने दक्षिण कोरिया को चिंतित कर दिया है। इससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और दक्षिण कोरियाई समाज में अस्थिरता पैदा हो रही है। अब दोनों देशों को शांति और सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाने और इस तरह की हिंसा को रोका जाए।