हिसार, 06 नवंबर।
महिलाओं के विरूद्घ होने वाली यौन उत्पीडऩ की घटनाओं को रोकने के लिए पौश एक्ट- 2013 के तहत 60 आंतरिक परिवाद कमेटियों का गठन, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं के मौलिक अधिकारों को लेकर जिला सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला परिषद तथा डीआरडीए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शालिनी चेतल ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डीएसपी भारती डबास, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सौम्या सहित सभी विभागों की महिला कर्मचारी उपस्थित थी। कार्यशाला के दौरान गुरूग्राम से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों तथा कानून के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जागरूक किया गया। वहीं महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीडऩ पर उन्हें खुलकर विचार रखने के लिए भी कहा गया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी शालिनी चेतल ने कार्यशाला के दौरान कहा कि जिला में महिलाओं के विरूद्घ होने वाली यौन उत्पीडऩ की घटनाओं को रोकने के लिए पौश एक्ट 2013 के तहत विभिन्न विभागों में 60 आंतरिक शिकायत कमेटियों का गठन कर दिया गया है, जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह की हिंसा को सहन न करें और उसका विरोध करें। महिलाओं को नारी सुरक्षा, सम्मान, अधिकारों, लिंग समानता अभी के महत्व को समझना होगा।
उन्होंने बताया कि कार्य स्थल पर हुए यौन उत्पीडऩ अधिनियम, 2013 के अनुसार महिलाओं को यौन उत्पीडऩ के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी और 90 दिनों के अदंर-अदंर शिकायत का निवारण किया जाता है। अपनी गोपनीयता के लिए यौन उत्पीडऩ की शिकार हुई महिला अकेले अपना बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में या फिर जिलाधिकारी के समक्ष दर्ज करा सकती है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी शालिनी चेतल ने सभी विभागाध्यक्षों से कहा कि वे अपने-अपने कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन कर उसका सफल क्रियान्वन करना भी सुनिश्चित करें।