dohavali of tulsidas, tulsidas ke dohe, life managmement tips by tulsidas, quotes of tulsidas | जिस घर में हमारे जाने से कोई खुश नहीं होता है, जहां हमारे लिए प्रेम नहीं है, हमें वहां कभी भी नहीं जाना चाहिए

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2 घंटे पहले

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  • तुलसीदास ने की थी दोहावली की रचना, दोहों में बताई हैं जीवन प्रबंधन के सूत्र

गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस के साथ ही कई अन्य ग्रंथों की भी रचना की थी। उन्होंने विनय पत्रिका, दोहावली जैसे ग्रंथ भी रचे हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसीदासजी को हनुमान और श्रीराम-लक्ष्मण ने साक्षात दर्शन दिए थे। इस संबंध में एक दोहा भी प्रचलित है-

चित्रकूट के घाट पर, भइ सन्तन की भीर।

तुलसीदास चन्दन घिसें, तिलक देत रघुबीर।।

तुलसीदासजी का जन्म संवत् 1554 में हुआ था। इनका प्रारंभिक नाम रामबोला था। काशी में शेषसनातनजी के पास रहकर तुलसीदासजी ने वेदों का अध्ययन किया। संवत् 1583 में तुलसीदासजी का विवाह हुआ था। विवाह के कुछ बाद ही उन्होंने घर-परिवार छोड़ दिया औ संत बन गए।

तुलसीदास द्वारा रचित दोहावली में जीवन प्रबंधन के सूत्र बताए गए हैं। इन सूत्रों को अपनाने से हमारी की समस्याएं खत्म हो सकती हैं…

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