देश की अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक अच्छी खबर आई है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 22 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.631 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी. यह लगातार पांचवां सप्ताह है, जब विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है. इससे एक सप्ताह पहले देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 6.39 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 642.49 अरब डॉलर हो गया था. सितंबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्राभंडार 642.45 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन, वैश्विक गतिविधियों के कारण उत्पन्न दबावों के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए पूंजी भंडार का उपयोग किया, जिससे मुद्रा भंडार में थोड़ी कमी आई थी.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 12.3 करोड़ डॉलर घटकर 568.38 अरब डॉलर हो गईं. डॉलर के संदर्भ में उल्लिखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.
गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा
रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 34.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 51.48 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.219 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.662 अरब डॉलर हो गयी.
बता दें कि फॉरेक्स रिजर्व यानी विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य एसेट होती हैं, जिसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर किया जाता है. देश की देनदारियों का भुगतान करने के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया जाता है.