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लुधियाना4 मिनट पहले
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- 400 मीटर स्पीड रेस में सिल्वर और 200 मीटर में जीत चुका है ब्रॉन्ज मेडल
अकसर बच्चे छोटी उम्र से ही खेलकूद छोड़ टीवी-मोबाइल में अधिक ध्यान देते हैं। इससे उनकी जीवनशैली पर भी असर पड़ता है। बेटा छोटी उम्र से ही खेल से जुड़े और अधिकतर टाइम खेल में बिताए, इसके लिए 3 साल की उम्र से ही इंद्रजीत जस्सल ने बेटे अगमजोत को स्केटिंग शरूु करवा दी।
दो साल ट्रेनिंग करने के बाद अब अगमजोत रविवार को एक घंटे में आठ किलोमीटर हुल्ला हूप स्केटिंग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावेदारी पेश करेगा। इंद्रजीत जस्सल ने बताया कि 5 साल की उम्र से अधिक पर ही स्पोर्ट्स खेल में एंट्री होती है। स्केटिंग ही थी, जिसमें 3 साल की उम्र में अगमजोत को एंट्री मिली।
दो साल की मेहनत के बाद अब वह वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए रविवार को दावेदारी पेश करेगा। उन्होंने दावा किया कि इस कैटेगरी में पहले कोई भी इस तरह का रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। अगर है भी तो 9 साल की उम्र के बच्चे का है, वो भी विदेशी खिलाड़ी का।
प्रैक्टिस पर न जा पाए तो रोने लगता है
इंद्रजीत ने बताया कि पिछले साल ही डिस्ट्रिक्ट रोलर स्केटिंग एसोसिएशन की प्रतियोगिता में 400 मी. स्पीड रेस में सिल्वर, 200 मी. में ब्रॉन्ज जीत चुका है। उसकी आदत अब ऐसी बन गई है कि वह अगर एक दिन भी प्रैक्टिस के लिए न जा पाए तो रोने लगता है। वह घर पर क्रिकेट की प्रैक्टिस करता है। कोच मनीष पाठक ने बताया कि अगमजोत रिकॉर्ड बनाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो देख रहा है।
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