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- Kota Nagar Nigam Mayor Election Update; Congress Candidate Rajiv Aggarwal And BJP Vivek Rajvanshi Filed Nominations
कोटा6 घंटे पहले
भाजपा के विवेक राजवंशी और कांग्रेस के राजीव अग्रवाल।
- दोनों पार्टियों के 36-36 प्रत्याशी चुनाव जीते, जबकि 8 निर्दलीय भी चुनाव जीतकर पार्षद बने
- कांग्रेस से राजीव अग्रवाल और भाजपा से विवेक राजवंशी ने दाखिल किया नामांकन
कोटा दक्षिण नगर निगम में महापौर पद के लिए घमासान शुरू हो गया है। नामांकन के बाद अचानक दक्षिण के कांग्रेस पार्षदों की बाड़ेबंदी के तहत जयपुर शिफ्ट कर दिया गया है। अलग-अलग ग्रुप में कांग्रेस पार्षदों को जयपुर भेजा गया। UDH मंत्री शांति धारीवाल ने अलग-अलग लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी है। महापौर पद के प्रत्याशी राजीव अग्रवाल का भी कल जयपुर जाने का प्रस्तावित कार्यक्रम है।
इससे पहले दिन में कांग्रेस की ओर से राजीव अग्रवाल ने नामांकन दाखिल किया है। नवनिर्वाचित पार्षद अनुराग उनके प्रस्तावक बने है। इधर बीजेपी की ओर से विवेक राजवंशी ने महापौर के लिए ताल ठोकी है। नवनिर्वाचित पार्षद गिरिराज उनके प्रस्तावक बने है। दोनों दलों की ओर से मजबूत उम्मीदवार चुनावी मैदान है। दोनों के पेशे से उद्योगपति होने से मुकाबला कांटे का हो गया है। दोनों पार्टियों के 36-36 प्रत्याशी चुनाव जीते है। जबकि 8 निर्दलीय भी चुनाव जीतकर पार्षद बने है।
1.राजीव अग्रवाल कांग्रेस प्रत्याशी
राजीव अग्रवाल,यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के करीबी माने जाते है। राजीव के परिवार का लम्बे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़ाव रहा है। निर्विवाद होने से उनके नाम पर सहमति बनी थी। पर कांग्रेस की मुश्किल ये की अभी वो जादुई आंकड़े 41 से दूर है। कांग्रेस के पास 4 निर्दलीय का समर्थन बताया जा रहा है। इन 4 को मिलाकर कांग्रेस 40 तक ही पहुच रही है। आंकड़े जुटाने के लिए कांग्रेस ने भी पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी हैं।
2.विवेक राजवंशी ,बीजेपी प्रत्याशी
विवेक राजवंशी को कोटा बूंदी सांसद ओम बिरला का करीबी माना जाता है।राजवंशी के परिवार का लम्बे समय से बीजेपी पार्टी से जुड़ाव रहा है।उनके परिवार से चार बार पार्षद बने है। विवेक खुद तीसरी बार ,पार्षद बने है। बीजेपी विवेक के सहारे जादुई आंकड़े तक पहुंचाना चाहती है। इसलिए उन्हें महापौर पद के लिए मैदान में उतारा है। पर बीजेपी की मुश्किल ये की अभी वो जादुई आंकड़े 41 से दूर है। बीजेपी के पास 3 निर्दलीय का समर्थन बताया जा रहा है। इन 3 को मिलाकर बीजेपी 39 तक ही पहुच रही है। बीजेपी, विवेक राजवंशी के सहारे कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाने की उम्मीद लगाई बैठी है।
दोनों पार्टियों से मजबूत दावेदार मैदान में उतरने से मुकाबला भी कांटे का हो गया है। दोनों दल एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी की उम्मीद लगाए बैठे है।बहरहाल देखना होगा कि 10 नवम्बर को किसका भाग्य जोर मारता है। कौन कोटा दक्षिण नगर निगम का प्रथम नागरिक बनता है।
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