Election Caimpaign for 3rd phase ends in Bihar Assembly Election 2020 | प्रचार हुआ ख़त्म, 7 नवंबर को होने वाले मतदान में तीन मंत्रियों सहित 12 बड़े चेहरों की किस्मत दांव पर

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पटना41 मिनट पहले

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बाएं से लवली आनंद, रितु जायसवाल और मुकेश सहनी।

  • मुखिया रितु जायसवाल और लवली आनंद की किस्मत का होगा फैसला
  • अशोक चौधरी, विजय चौधरी के साथ ही तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के रण के लिए मैदान तैयार हो चुका है। आखिरी चरण में कुल 78 सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में विधानसभा अध्यक्ष रहे विजय कुमार चौधरी के साथ ही 3 मंत्रियों की किस्मत दांव पर है। मुखिया से विधायकी की ओर कदम बढ़ा चलीं रितु जायसवाल की सीट पर चुनाव होना है तो बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद की सीट पर भी चुनाव होना है। तीसरे चरण में इन खास चेहरों के साथ ही महागठबंधन और एनडीए के कई दिग्गजों की किस्मत का भी फैसला होगा।

तीसरे चरण में बड़े चेहरे:

  • रितु जायसवाल – सीतामढ़ी के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बनकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पानेवाली रितु जायसवाल अब खुलकर राजनीति के मैदान में कूद पड़ी हैं। रितु जदयू की सदस्य के तौर पर पहले से ही राजनीति में सक्रिय रही हैं। लेकिन इस बार एक माहिर नेता की तरह जदयू से बागी होकर पहले राजद में इंट्री ली और फिर परिहार सीट से टिकट लिया। राजद की तरफ से मैदान में उतरी रितु को भाजपा की उम्मीदवार गायत्री देवी से मुकाबला करना है।
  • सुरेश शर्मा – बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा एकबार फिर मुजफ्फरपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। सुरेश शर्मा इस सीट पर लगातार जीतते रहे हैं, लेकिन बीते साल मुजफ्फरपुर में जलजमाव पर उन्हें जवाब देना पड़ रहा है। कांग्रेस से वीरेन्द्र चौधरी उनके सामने खड़े हैं।
  • लवली आनंद – आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद इस बार राजद के टिकट पर सहरसा से उतरी हैं। भाजपा से आलोक रंजन झा, लवली आनंद को यहां टक्कर दे रहे हैं।
  • विजय कुमार चौधरी – विधानसभा अध्यक्ष रहे विजय कुमार चौधरी सरायरंजन सीट से जदयू के टिकट पर मैदान में हैं। जदयू के बड़े नेता विजय कुमार चौधरी को राजद के अरविंद कुमार साहनी चुनौती देने उतरे हैं।
  • अशोक कुमार चौधरी – कभी कांग्रेस में रहे अशोक चौधरी अब जदयू का दामन थाम चुके हैं और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भी बन चुके हैं। सकरा से इसबार वो अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार उमेश कुमार राम का सामना कर रहे हैं।
  • महेश्वर हजारी – बिहार सरकार के योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी जदयू के बड़े नेता हैं। कल्याणपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी टक्कर इस बार सीपीआईएमएल के फूल बाबू सिंह से है।
  • मुकेश कुमार रौशन – राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मुकेश कुमार रौशन भले ही कोई बड़ा चेहरा न हों लेकिन जहां वो चुनाव लड़ रहे हैं वो सीट खास है। वजह यह कि वो उस सीट से मैदान मे हैं जहां पिछली बार लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव विधायक बने थे। इस बार तेजप्रताप ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया। विरोधियों ने कहा कि महुआ में हार की डर से तेजप्रताप वहां से चुनाव नहीं लड़े। अब मुकेश कुमार रौशन राजद का चेहरा बने हैं। जदयू की आसमां परवीन से उनकी टक्कर है।
  • मदन सहनी – खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रहे मदन सहनी की प्रतिष्ठा दरभंगा के बहादुरपुर सीट से दांव पर लगी है। सहनी जदयू के टिकट पर मैदान में हैं तो राजद के रमेश चौधरी उन्हें यहां टक्कर दे रहे हैं।
  • अब्दुल बारी सिद्दीकी – राजद के बड़े नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी केवटी सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं। यहां उनकी टक्कर भाजपा के टिकट पर उतरे मुरारी झा से है।
  • मुकेश सहनी – वीआईपी पार्टी के प्रमुख और एनडीए के साथी मुकेश सहनी इस बार सिमरी बख्तियारपुर सीट से मैदान में हैं। मुकेश सहनी को इस सीट पर टक्कर दे रहे हैं राजद के युसुफ सलाउद्दीन।
  • विनोद नारायण झा – सरकार के पीएचईडी मंत्री रहे विनोद नारायण झा बेनीपट्‌टी सीट से भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। विनोद नारायण झा का सामना यहां कांग्रेस की प्रत्याशी भावना झा से है।
  • निशा सिंह – बिहार सरकार में पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण मंत्री रहे दिवंगत विनोद सिंह की पत्नी निशा सिंह इस बार प्राणपुर की सीट से मैदान में हैं। इससे पहले विनोद सिंह इसी सीट से विधायक बने थे, उनकी मौत के बाद निशा सिंह को यहीं से टिकट दिया गया है। कांग्रेस से इकरार आलम, निशा सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे हैं।

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15 जिलों की कुल 78 सीटों पर होना है चुनाव

तीसरे और आखिरी चरण में 15 जिलों की कुल 78 सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में मुस्लिम बहुल सीमांचल तो यादव बहुल कोसी और ब्राह्यण बहुल मिथिलांचल की सीटें हैं। जिन जिलों में मतदान होना है, वे हैं – पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर।

किसकी कितनी सीटें

तीसरे चरण में राजद 46 सीटों पर लड़ रही है तो महागठबंधन की दूसरी सहयोगी कांग्रेस ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। एनडीए में भाजपा 35 सीटों पर सीधे मैदान में है तो जदयू 37 सीटों पर। सीपीआई 2 सीटों पर, सीपीआईएम 5 सीटों पर, वीआईपी 5 सीटों पर और हम 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है।

जदयू की सबसे ज्यादा सीटें दांव पर

तीसरे और आखिरी चरण में जदयू की सबसे ज्यादा सीटें दांव पर लगी हैं। इस चरण में जदयू की कुल 22 सीटें ऐसी हैं जिसपर पार्टी ने 2015 के चुनाव में जीत दर्ज की थी। भाजपा की ऐसी 20 सीटें हैं तो राजद की 21 जीती गई सीटें दांव पर लगी हैं। कांग्रेस की 11 जीती गई सीटें दांव पर हैं तो सीपीआईएमएल की 1 सीट और रालोसपा की 1 जीती गई सीट है। 2015 के चुनाव में 2 सीटों पर निर्दलीय जीते थे।

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