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- भागलपुर बिहार नाव दुर्घटना पीड़ित कहानी नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स को बताई
पटना2 घंटे पहले
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भागलपुर नाव हादसे के बाद घटनास्थल पर जमा भीड़।
- भागलपुर नाव हादसे का शिाकर लोगों ने दैनिक भास्कर को अपनी भाषा में बताई पूरी कहानी
- हादसे के बाद मच गई थी चींख-पुकार, जो तैरना जानते थे, वे ही निकल पाए बाहर
भागलपुर के तिनटंगा में 150 से अधिक लोगों से भरी नाव ने अपना किनारा छोड़ा ही था कि चंद कदम की दूरी के बाद पानी में समा गया। नदी से लेकर घाट तक चींख-पुकार मच गई। नाव में सवार एक महिला मीना देवी का कहना है कि नाव धकेलने के बाद से ही तरियायीगेल और बैठिगेल छ। फिर हम कपड़ा लता के सहिते हम टुड्डी भर पानी में कूदी गेलीयेअ। कपड़ा लता व मोबाइलो सब डूबी गेले छ। जैइसे तइसे हम निकलल छिये। लोग हेना हेना तैरना खूब कहि छय लै. हम हमरा इतने पता छय। कितना आदमी डूबल छे हमरा नै पता छय। जखनी से लोग हमरा पत्थरी (पत्थर) पर बैइठयले छय हिंयां । न खैले छिये अय और न पकैले छिये। अइस हिं बैइठल छिये।
यह उस महिला का कहना, जो नाव में सवार थी और दियारा क्षेत्र में जाने के लिए घर से निकली थी। मीना देवी तिनटंगा की ही रहने वाली है। उसने बताया कि दियारा क्षेत्र में लोगों का खेत है। लोग अक्सर इस पार से उस पार आते जाते रहते हैं। इस महिला का यह भी कहना है कि नाव में ढेरो आदमी सवार रहलैय छय पर कितना आदमी रहि छय इ पता न छय। इस महिला ने यह भी बताया कि जिस समय नाव डूब रही थी, उस समय उसके हाथ में कमंडल था। वह कमंडल सहित नदी में कूदी गयी। नदी में गर्दन से ऊपर पानी था। यही वजह रही कि लोगों के बीच अफरातफरी मच गयी, जिसे तैरना आता था वह जैसे-तैसे निकल गये।
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