Delhi Jangpura Robbery केस का शातिर लगा पुलिस के हाथ, जानिए पूरा मामला

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Delhi Jangpura Robbery : अपराधी कितना भी शातिर हो, लेकिन पुलिस की गिरफ्त से बचना नामुमकिन होता है. दिल्ली की सबसे बड़ी चोरी जिसमें 25 करोड़ रुपये के गहने उड़ा लिए गए थे उसका पर्दाफाश दिल्ली और छत्तीसगढ़ पुलिस ने मिलकर किया है. मामला दिल्ली के जंगपुरा इलाके का है. यहां 75 साल पुराने उमराव सिंह ज्वेलर्स के मालिकों को उस समय झटका लगा जब मंगलवार को अपनी दुकान पर पहुंचने पर उन्हें 25 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी का पता चला.

पुलिस को पहले शक था कि यह चोरी किसी शातिर गिरोह का काम है. लेकिन जब पुलिस के सामने सच्चाई आई तो वो भी हैरान रह गई. दरअसल यह चोरी किसी गिरोह ने नहीं बल्कि सिर्फ एक व्यक्ति ने की थी. इस घटना को अंजाम कुख्यात डकैत लोकेश श्रीनिवास ने दिया. लोकेश पर डकैती के सात मामले पहले से ही दर्ज हैं.

कैसै लगा पुलिस के हाथ
दरअसल छत्तीसगढ़ में दुर्ग पुलिस की क्राइम ब्रांच सिकंदराबाद में ज्वेलरी शॉप डकैती मामले में एक आरोपी की तलाश कर रही थी. आखिरकार जब पुलिस के हाथ लोकेश राव का नाम का शख्स लगा, तो उसने पुलिस को बताया कि उसका दोस्त लोकेश श्रीनिवास एक बड़ी चोरी को अंजाम देने के लिए दिल्ली गया था. लोकेश राव ने अधिकारियों को यह बात डकैती से कुछ दिन पहले बताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उसके इस बात को गंभीरता से नहीं लिया.

मंगलवार सुबह दिल्ली के जंगपुरा इलाके में चोरी की खबर आने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के एक जूनियर अधिकारी ने गुरुवार सुबह दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी को इसकी जानकारी दी. इस तरह दिल्ली पुलिस को यहां से इस डकैती की पहली लीड मिली. इसके बाद पुलिस ने आरोपी लोकेश श्रीनिवास को ऑनलाइन सर्च किया और उसकी उस समय की फोटो सामने आई जब उसे डकैती के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पुलिस ने उसकी फोटो CCTV फुटेज से मिलाई तो उसकी फोटो मैच कर गई.

एक बार जब पुलिस ने यह कंफर्म कर लिया कि लोकेश श्रीनिवास दुर्ग भाग गया तो दिल्ली पुलिस की एक टीम उसे पकड़ने छत्तीसगढ़ पहुंची. वहां, एक अन्य डकैती मामले में जांच चल रही थी, जहां छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक आरोपी शिवा को पकड़ा था, जिसने अधिकारियों को बताया कि उसने लोकेश श्रीनिवास के साथ स्मृति नगर इलाके में एक फ्लैट किराए पर लिया था. गुरुवार शाम 7 बजे छत्तीसगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और रात करीब 11 बजे दिल्ली पुलिस की टीम वहां पहुंची और लोकेश का इंतजार करने लगी. लोकेश 29 सितंबर को सुबह 5.45 बजे अपने किराए के घर पर लौटा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक उसके पास लगभग 18 किलो सोना और 12 लाख रुपये नकद बरामद किया गया. लोकेश अभी भी छत्तीसगढ़ पुलिस की हिरासत में है क्योंकि वहां उसके खिलाफ और भी मामले हैं.

दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर राजेश देव ने मीडिया को बताया, ‘यह मामला दोनों राज्यों की पुलिस के सहयोग से सुलझा है. हमें कल दुर्ग पुलिस की अपराध शाखा के एक पुलिस अधिकारी से जानकारी मिली कि पूछताछ के दौरान एक आरोपी आखिरकार पकड़ा गया, उसने अपने साथी को बताया था कि वह एक बड़ा काम करने के लिए दिल्ली जा रहा है. आरोपी का नाम लोकेश श्रीनिवास बताया गया और जब हमने उसकी फोटो देखी तो वह संदिग्ध से मेल खा गई. निगरानी के बाद लोकेशन की जानकारी पुलिस को 24 सितंबर को प्राप्त हुई. हमारे पास फुटेज थे, और हमने उसकी ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर एक टीम रायपुर भेजी. वहीं बिलासपुर पुलिस दो चोरियों में उसकी तलाश कर रही थी. आज सुबह, लोकेश ठिकाने पर पहुंच गया और एक संयुक्त अभियान में, हमने छापा मारा और उसे पकड़ लिया.’

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