क्रोधित व्यक्ति अपना मुंह खोल लेता है और आंख बंद कर लेता है। तब उसे ये नहीं दिखता है कि वह किसके सामने बोल रहा है और उसके बोल से सामने वाले को तकलीफ हो रही है। वह सिर्फ बोलता रहता है।
क्रोध को मौन से काबू किया जा सकता है। अगर स्वभाव में क्रोध बढ़ता जा रहा है तो रोज ध्यान करना चाहिए। ध्यान करने से मन शांत रहता है और गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं।
जानिए क्रोध से जुड़े कुछ ऐसे विचार, जिन्हें अपनाने से हम इस बुराई को नियंत्रित कर सकते हैं…
ये भी पढ़ें…
लाइफ मैनेजमेंट की पहली सीख, कोई बात कहने से पहले ये समझना जरूरी है कि सुनने वाला कौन है
जब कोई आपकी तारीफ करे तो यह जरूर देखें कि उसमें सच्चाई कितनी है और कितना झूठ है
आज का जीवन मंत्र:अकेली महिला समाज में असुरक्षित क्यों है? क्यों नारी देह आकर्षण, अधिकार और अपराध का शिकार बनती जा रही है?
कार्तिक मास आज से – जीवन के तीन खास पहलुओं को पूरी तरह से जीने का महीना है कार्तिक, दीपावली के पांच दिन पांच भावनाओं के प्रतीक हैं
।
[ad_2]
Source link