हकृवि के बाजरा अनुभाग को दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर मिला सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र अवार्ड
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बाजरा अनुभाग को बाजरा में उत्कृष्ट अनुसंधानों के लिए लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2022-23 का सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र अवार्ड प्रदान किया गया है। कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की हैदराबाद में आयोजित हुई अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 58वी वार्षिक समूह बैठक में परिषद के सहायक महानिदेशक डा. एस. के. प्रधान ने यह अवार्ड प्रदान किया। गत वर्ष हुई अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 57वी. वार्षिक समूह बैठक में भी विभाग को यह अवार्ड मिला था।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के बाजरा अनुभाग ने हाल ही के वर्षों में बाजरा की उन्नत किस्मों के विकास, बाजरा में नए रोग कारकों की पहचान, बाजरा के संकर बीज उत्पादन व व्यवसायीकरण में बहुत सराहनीय कार्य किए हैं। उन्होने बताया कि विभाग ने हाल ही में बाजरा की उच्च लौह तत्व युक्त दो बायोफोर्टिफाइड (दोनों में लौह तत्व 73, 83 पीपीएम) संकर किस्मों एचएचबी 299 व एचएचबी 311 के विकास के साथ हाल ही में यहां विकसित की गई आणविक चिन्हों की सहायता से चयनित बेहतर बाजरा ईडीवी संकर एचएचबी 67 संशोधित 2 किस्म जिसमें इसके पूराने संस्करण एचएचबी 67 संशोधित की तुलना में बेहतर डाउनी मिलड्यू फफूंदी प्रतिरोधक क्षमता है, का अनुमोदन हुआ है। उन्होंने बताया कि इस विभाग के पौध रोग वैज्ञानिक डा. विनोद मलिक ने बाजरा में तना गलन रोग और ज्वार में क्लेबसिएला लीफ स्ट्रीफ रोग व उनके कारक जीवाणुओं की विश्व में पहली बार पहचान की थी जिसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल चुकी है। इस उपलब्धि का भी विभाग को यह अवार्ड मिलने में अहम योगदान रहा है। उनके अनुसार बाजरा की सस्य क्रियाओं के अंतर्गत पोटाश व अन्य सूक्ष्म तत्वों का प्रबंधन के कार्य को भी राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डा. जीत राम शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए बाजरा अनुभाग के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और भविष्य में भी गुणवत्ताशील अनुसंधान जारी रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवार्ड को हासिल करने में बाजरा अनुभाग के अध्यक्ष डा. अनिल कुमार व कृषि महाविद्यालय एवं आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एस.के.पाहुजा, डा. देवव्रत यादव, डा. के. डी. सहरावत, डा. विनोद मलिक, डा. हर्षदीप काम्बोज, डा. मुकेश, पंकज व डा. ज्योति कौशिक आदि का योगदान रहा है। इस अवसर पर ओएसडी डा. अतुल ढींगड़ा एवं मीडिया एडवाइजर डा. संदीप आर्य मौजूद रहे।