TNT Hisar: जीवन में शांति प्राप्त करने का एक ही मार्ग है वह है आध्यात्म, इस राह पर चलते हुए कोई भी अपने भीतर की शक्ति को पहचान कर और किसी भी क्षेत्र में उन्नति कर सकता हैं। इसी प्रकार यदि शिक्षा के क्षेत्र में आध्यात्म का समावेश किया जाए तो न केवल शिक्षक अपने भीतर गुणात्मक विकास कर सकते हैं बल्की विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है। मिर्जापुर रोड स्थित दर्शन अकादमी में शिक्षकों की दिव्य क्षमता को विकसित करने और आध्यात्मिक उन्नयन के लिए सुनियोजित एवं आकर्षक एक दिवसीय आध्यात्मिक पाठ्यक्रम कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता सीमा बत्रा ने की। 10 मिनट ध्यान के साथ कार्यशाला का आरंभ किया गया। तत्पश्चात परम पूजनीय संत राजेंद्र सिंह जी महाराज द्वारा प्रेषित नववर्ष का शुभ संदेश वीडियो के माध्यम से दिया । अध्यापकों द्वारा आध्यात्मिक पाठ्यक्रम को सरल एवं रोचक गतिविधियों के माध्यम से अपने-अपने अंदाज में प्रस्तुत किया गया। साथ ही उन्होंने बताया कि व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक गुरु का कितना महत्व है । कार्यशाला के समापन पर प्रवक्ता ने भी बताया कि गुरु ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा बताए गए सदमार्ग पर चलकर हम विषम परिस्थितियों का सामना धैर्य एवं दृढ़ता से कर सकते हैं साथ ही उन्होंने दैनिक जीवन से संबंधित अनेक उदाहरणों को देते हुए प्रतिदिन ध्यान करने के लिए प्रेरित किया। अंत में विद्यालय प्रधानाचार्या जैसिका कांबले ने अध्यापकों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि हमें सदमार्ग पर चलते हुए एक आदर्श समाज का निर्माण करना चाहिए।