अवैध तरीके से बन रहे और बिक रहे पटाखे
जनपद में कई कस्बे और गांवों के लोग बारूद के ढेर पर हैं। दीपावली के लिए बड़ी मात्रा में घनी आबादी के बीच पटाखों का भंडारण है। कई जगहों पर बगैर लाइसेंस के अवैध रूप से पटाखे तैयार किए जा रहे हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पटाखे बनाने का सबसे बड़ा कारोबार बड़ौत, दोघट क्षेत्र में चल रहा है। याद दिला दें कि अभी कुछ दिन पहले ही घिटोरा में पटाखा गोदाम में विस्फोट होने से आधा दर्जन लोग गम्भीर रूप से घायल हुए थे। इसके बावजूद जनपद के विभिन्न गांवों में अवैध रूप से पटाखे बनाने व बिक्री का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। शहर से लेकर गांव तक दीवाली पर पटाखों की बिक्री होती है। दीपावाली का त्योहार करीब आ रहा है। इसको लेकर ज्यादातर पटाखा निर्माता अभी से ही तेज आवाज वाले पटाखे बनाने के साथ ही उनका भंडारण करने लगे हैं। पटाखों को अपने घर या फिर घनी आबादी में चोरी छिपे बनाने के साथ ही गोदामों में बारूद एकत्रित किया जाता है। पुलिस से बचने के चक्कर में दिन में गोदाम में ताला लटकाकर चले जाते हैं। रात होते ही तैयार पटाखों को गोदाम में रखने लगते हैं।
यहां पर बनाए जाते हैं और स्टॉक किये जाते हैं पटाखे
बागपत के मोहल्ला मुगलपुरा, ठाकुरद्वारा, पुराना कस्बा, अग्रवाल मंडी टटीरी, बड़ौत में मंडी घनश्याम गंज, नई मंडी, महावीर मार्ग, पट्टी मेहर, मोहल्ला तिरगरान, बिजरौल रोड, जलालपुर गांव के पास, खेकड़ा में नई बस्ती कॉलोनी, जहांगीरपुर डूंडाहेड़ा, नई बस्ती, हसनपुर मसूरी, छपरौली, दोघट, दत्तनगर, बिनौली, अमीनगर सराय, बालैनी समेत अन्य जगह पटाखे बनाए जाते हैं। वर्तमान समय में अधिकांश लोग घरों में पटाखों का स्टॉक कर रहे हैं। जनपद में सबसे बड़ा पटाखे बनाने का काम दोघट कस्बे के मुख्य बाजार में है।