एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया ने स्किल इंडिया अभियान के तहत एक वेबिनार श्रृंखला शुरू की है।

एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया ने स्किल इंडिया अभियान के तहत एक वेबिनार श्रृंखला शुरू की है।

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार, श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र में कुशल बल की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पाटना है।  एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया की जनरल सेक्रेटरी तथा गुजविप्रौवि हिसार के बायो एंड नेनो विभाग की प्रोफेसर डा. नमिता सिंह ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और वेबिनार श्रृंखला के बारे में बताया।  उन्होंने बताया कि कैसे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता में संतुलन के लिए युवाओं में सूक्ष्मजैविक कौशल विकसित करके सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।  श्रृंखला में प्रथम व्याख्यान में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख बिजेंद्र सिंह ने ‘जैविक मिश्रण से माइक्रोबियल उत्पादों का डाउनस्ट्रीम प्रसंस्करण’ विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने माइक्रोबियल एंजाइमों के बुनियादी सिद्धांतों, तकनीकों और औद्योगिक अनुप्रयोगों की विस्तृत जानकारी दी।  वेबिनार की अध्यक्षता एएमएससी के अध्यक्ष व केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेन्द्रगढ़ के प्रो. आर.सी. कुहाड ने की।  उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में सूक्ष्म जीव विज्ञान के महत्व पर विस्तार से बताया। जीव विज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में अनुप्रयोग और प्रासंगिकता रखने वाले सूक्ष्म जीव विज्ञान के लिए बहुत सारे सूक्ष्मजीव विज्ञानी कौशल की आवश्यकता होती है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में काम कर सकते हैं जैसे कि भोजन और चारा, फार्मास्युटिकल, एग्रोकेमिकल, बायोटेक्नोलॉजिकल, बायोरिफाइनरी, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण, बायोरेमेडिएशन, इत्यादि।
एएमआई के अध्यक्ष प्रो. प्रवीण ऋषि  ने सत्र का समापन किया और संक्षिप्त जानकारी दी।  कार्यक्रम में लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया।  इस सत्र में कृषि, किण्वन प्रौद्योगिकी, पर्यावरण सूक्ष्म जीव विज्ञान, चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी, औद्योगिक सूक्ष्म जीव विज्ञान, अनुसंधान, आदि के क्षेत्र में काम कर रहे कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों व सूक्ष्म जीवविज्ञानियों प्रो. के.के. कपूर, प्रो. अलका शर्मा, प्रो. कृष्णकांत शर्मा, प्रो. संजय छिबर, प्रो. पी.एस. पनेसर, डॉ. नील कमल मिश्रा, प्रो. एन. वासुदेवन सहित यूजी व पीजी के विद्यार्थियों ने भाग लिया।  अंत में सत्र की सह-संयोजिका प्रो. अलका शर्मा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस वेबिनार के संचालन में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले समन्वयक दल के सदस्यों में डॉ. माधवी, डॉ. नवनिधि, चाहत व तरुना शामिल हैं।

 

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