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जयपुर। क्या आप ठीक है?, कैसा महसूस कर रहे हैं?, हाथ पावं के मूवमेंट कर पा रहे है? आमतौर पर सर्जरी के बाद पेशेंट से यह सवाल किए जाते है, लेकिन जब यह सवाल ओटी टेबल पर ऑपरेशन के दौरान किए जाए तो यह किसी अजुबे से कम नहीं है। ऐसी ही अनोखी सर्जरी भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के न्यूरो ऑन्को सर्जन डॉ नितिन द्रिवेदी एवं उनकी टीम ओर से सफलता पूर्वक की गई। सर्जरी के दौरान पेशेंट ना सिर्फ होश में रहा बल्कि हाथ-पांव का मूवमेंट करते हुए बात करता रहा और डॉक्टर्स की टीम ने पेशेंट के ब्रेन से टयूमर निकाल उसे कैंसर मुक्त कर दिया।
डॉ द्रिवेदी ने बताया यह अवेक सर्जरी सीएसआईएफ जवान की गई है। जवान को हाथ में कमजोरी महसूस होने के कारण हुई जांच में ब्रेन में टयूमर की पहचान हुई। यह टयूमर दिमाग के ऐसे महत्वपूर्ण हिस्से में था जो हाथ एवं चेहरे को नियंत्रित करता है। ऐसी स्थिति में अगर गांठ सामान्य आपरेशन के द्वारा निकाली जाती है तो हाथ एवं चेहरे पर कमजोरी (लकवा) की शत-प्रतिशत संभावना थी। ऐसे में जवान की ओर से कुछ डॉक्टर्स को दिखाया गया, लेकिन वहां हाथ का मूवमेंट बंद हो जाने की बात सामने आने पर जवान ने इसका उपचार नहीं करा सका। करीब दो माह पहले बीएमसीएचआरसी में जवान ने डॉक्टर को दिखाया और यहां जवान की अवेक सर्जरी प्लान की गई।
डॉ द्रिवेदी ने बताया कि मरीज का जागते हुए ऑपरेशन करने में सबसे बड़ा फायदा यह रहा कि ट्यूमर निकालते समय अगर शरीर के किसी हिस्से में कोई कमजोरी आती तो उसे तुरंत संभाला जा सकता था। इस ऑपरेशन में मरीज को लकवे से बचाने में तकनीक का कई स्तरों पर इस्तेमाल किया गया। मरीज की सर्जरी के दौरान कार्य क्षमता का आंकलन करने के लिए उससे बात करने के साथ ही हाथ-पांव और आखों का मूवमेंट करते रहने के लिए।
ऑपरेशन के बाद मरीज पूर्णतया स्वस्थ था। हाथ की कमजोरी में भी धीरे-धीरे सुधार आया। आज मरीज अपने हाथ का समुचित उपयोग कर पा रहा है। इस अवेक सर्जरी की वजह से मरीज विकलांग होने से बच गया जो कि उसकी नौकरी के लिए आवष्यक है। मरीज ने अपना अनुभव हमारे साथ बांटते हुए खुशी एवं संतुष्टि जाहीर की है।
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